21 नवंबर को राजस्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को तब अपमानित होना पड़ा जब दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस की संपत्ति को कुर्क करने का अदालती आदेश चस्पा किया गया। दिल्ली स्थित पटियाला कमर्शियल कोर्ट का यह कुर्की आदेश जब बीकानेर हाउस के मुख्य द्वार पर चस्पा किया जा रहा था, तब परंपरा के अनुरूप ढोल भी बजाया गया। मुझे नहीं पता कि ढोल की आवाज दिल्ली में नियुक्त राजस्थान के रेजिडेंट कमिश्नर को सुनाई दी या नहीं, लेकिन ढोल बजने की गूंज हर राजस्थानी के कान में सुनाई दे रही है। राजस्थान की विरासत का इतना बड़ा अपमान शायद ही कभी हुआ हो। सब जानते हैं कि दिल्ली का बीकानेर राजस्थान की विरासत और संस्कृति से जुड़ा है। अंग्रेजी शासन में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने अंग्रेज अफसरों के आग्रह पर दिल्ली में सात एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर बीकानेर हाउस का निर्माण करवाया था। आजादी के बाद बीकानेर हाउस पर राजस्थान की नोखा नगर पालिका का स्वामित्व हो गया। नगर पालिका के साथ हुए विवाद पर ही संबंधित ठेकेदार को पचास लाख का भुगतान नहीं करने पर ही पटियाला कमर्शियल कोर्ट ने कुर्की के आदेश जारी किया। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अदालत के आदेश के बाद भी न तो भुगतान किया जा रहा है और न ही पालिका का कोई अधिकारी उपस्थित हो रहा है। भले ही यह मामला नोखा नगर पालिका की लापरवाही से जुड़ा हो, लेकिन दिल्ली में नियुक्त रेजिडेंट कमिश्नर और राज्य सरकार के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते। कोर्ट का आदेश पिछली कांग्रेस सरकार में ही हो गया था, लेकिन न तो कांग्रेस सरकार में और न मौजूदा भाजपा सरकार में कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लिया गया। इससे जाहिर है कि राज भाजपा का हो या कांग्रेस का, चलाते तो अफसर ही है। इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि बीकानेर हाउस में मुख्यमंत्री का दफ्तर भी बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के किसी भी अधिकारी ने अदालत के आदेश की परवाह नहीं की। जबकि आए दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री दिल्ली प्रवास में बीकानेर हाउस में रहते हैं। कांग्रेस के शासन में तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना डेरा ही बीकानेर हाउस में जमा रखा था। जिस बीकानेर हाउस की कीमत आज खरबों रुपए की है, उसे मात्र पचास लाख रुपए के लिए नीलाम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, जिसकी वजह से राजस्थान की विरासत और संस्कृति की नीलामी हो रही है। भले ही नोखा नगर पालिका में कांग्रेस के समर्थक हो, लेकिन राज्य सरकार के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (22-11-2024)
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