राजस्थान के विधानसभा के उपचुनावों में कांग्रेस की जोर बुरी हार हुई उसकी जिम्मेदार अब प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ले ली है। डोटासरा ने एक बयान जारी कर कहा है कि हमसे जनता को समझने में चूक हुई है। हालांकि टिकटों का बंटवारा सभी की सहमति से किया गया था, लेकिन फिर भी मैं प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हार की जिम्मेदारी स्वीकार करता हंू। डोटासरा ने कहा कि हम अपनी कमियों को दूर करेंगे। डोटासरा के बांगड़ अंचल में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की बात भी कही। ये वो ही डोटासरा है जिन्होंने उपचुनाव की शुरुआत पर कहा था कि भाजपा को 7 में से जीरो सीट मिलेंगी। चुनाव में भाजपा को 7 में से पांच सीटों पर जीत मिली तथा कांग्रेस व बीएपी को एक-एक सीट। चुनाव में तीन सीट देवली, सलूंबर और खींवसर में तो कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई। भले ही कांग्रेस इतनी बुरी हारी, लेकिन फिर भी डोटासरा की प्रशंसा की जानी चाहिए कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के नाते हार की जिम्मेदारी ली है। जबकि इस बुरी हार पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली जैसे नेता अभी तक चुप है। यदि कांग्रेस को तीन चार सीटों पर जीत मिल जाती तो गहलोत, पायलट व जूली जैसे नेता श्रेय लेने की कोई कसर नहीं छोड़ते। इन तीनों बड़े नेताओं ने उपचुनाव में पूरी सक्रियता दिखाई थी, लेकिन इसके बाद भी 6 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। डोटासरा ने तो अपनी कमियों को मानते हुए हार स्वीकार की है, लेकिन पूर्व सीएम गहलोत तो हार के लिए ईवीएम को दोषी मान रहे हैं। गहलोत का मानना है कि कांग्रेस ईवीएम की वजह से बार बार चुनाव हारती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (29-11-2024)
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