स्वामी नारायण संस्था के दो सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष के 10 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी नारायण संप्रदाय के एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। सब जानते हैं कि स्वामी नारायण संप्रदाय के लोग दुनिया भर में फैले हुए हैं। पीएम मादेी ने एक हैं तो सेफ हैं, वाली जो बात कही है उसमें भारत के मुसलमान भी शामिल है। मोदी ने कई मौकों पर देश की एकता पर जो दिया है। यह एकता तभी हो सकती है, जब हिन्दू और मुसलमान एक होकर रहे। यदि हिंदू और मुसलमान अलग अलग रहेंगे तो फिर भारत के लिए पड़ोसी मुल्कों से खरात उत्पन्न हो जाएगा। एक हैं तो सेफ हैं कि भावना के पीछे देश के सभी नागरिकों को पड़ोसी मुल्कों के हालातों की ओर सचेत करना भी है। भारत की सीमा से लगे मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हालात देखे जा सकते हैं। कट्टरपंथता के कारण इन तीनो मुस्लिम देशों के हालात बद से बदतर हो गए है, जबकि भारत लगातार तेजी से विकास कर रहा है। इस विकास का लाभ भारत में रहने वाले 25 करोड़ रुपए मुसलमानों को भी मिल रहा है। सरकार की योजनाओं पर जितना हक हिंदुओं का है उतना ही मुसलमानों का भी। सरकारी योजनाओं का लाभ देने में किसी भी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं होता। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीरी मुसलमानों को भी उनके अधिकार दिलवाए गए हैं। पीएम मोदी ने कभी भी ऐसी कोई बात नहीं कही जो भारतीय मुसलमानों के हितों पर प्रतिकूल असर डालती हो। मोदी ने हमेशा कट्टरपंथी मुसलमानों के कृत्यों की निंदा की है। एक है तो सेफ हैं कि सोच को भी तभी बल मिलेगा जब हिंदू और मुसलमान एक जुट होकर रहेंगे। भारत में रहने वाले मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि कट्टरपंथता के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हालात खराब हुए हैं। यदि भारत में भी कट्टरपंथी विचारधारा हावी होती है तो हिंदुओं के साथ साथ आम मुसलमान भी सुरक्षित न रह पाएगा। तीनों पड़ोसी मुल्कों में जो आतंकी वारदात हो रही है उनमें मुसलमान ही मारे जा रहे है। अंग्रेजों ने 75 वर्ष पहले पाकिस्तान और भारत को एक साथ आजाद किया था, लेकिन आज हम पाकिस्तान और भारत के हालात देख लें। चूंकि भारत में हिंदू बहुसंख्यक रहा इसलिए तेजी से विकास हुआ। भारत की सनातन संस्कृति में सभी धर्मों का आदर है। जबकि अन्य धर्म में दूसरे धर्मों के लिए ऐसा आदर भाव नहीं होता। सनातन धर्म को मानने वाले लोग कभी भी अपनी विचारधारा को दूसरे पर नहीं थोपते हैं। यही वजह है कि आजादी के बाद भारत में मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ी, जबकि पाकिस्तान में हिंदुओं को भागना पड़ा। आज भी तीनों मुस्लिम देशों में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है, जबकि भारत में कुछ अपवादों को छोड़कर किसी भी मुसलमान के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होता। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हालातों को देखकर भी भारत के मुसलमान अपने विचारों में परिवर्तन नहीं लाते हैं तो फिर भारत में भी कट्टरपंथी हावी होंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-11-2024)
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