Friday 27 March 2015

क्या लूट-खसोट को परिवहन मंत्री का संरक्षण है

क्या लूट-खसोट को परिवहन मंत्री का संरक्षण है
राजस्थान में दुपहिया वाहों पर कम्प्यूटराइज्ड नम्बर प्लेट लगाने का ठेका रियल मेजैन कंपनी को दे रखा है। सरकार ने नम्बर प्लेट लगाने का शुल्क 75/-रुपए निर्धारित कर रखा है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी प्रदेशभर में प्रतिवाहन 400/-रुपए तक की लूट-खसोट खुलेआम कर रहे है। ऐसा नहीं कि ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों को इस लूट खसोट की जानकारी नहीं है। 27 मार्च को जब अजमेर में लूट खसोट की शिकायत आरटीओ हरीश कुमार और डीटीओ सुधीर बंसल से की गई तो इन दोनों अधिकारियों ने कहा कि 100 से भी ज्यादा वाहन मालिकों की शिकायत पूर्व में ही जयपुर स्थित मुख्यालय पर भेजी जा चुकी है।
चूंकि मुख्यालय के बड़े अधिकारियों ने ही रियल मेजैन कंपनी को ठेका दिया है, इसलिए जिला स्तर पर कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है। इन दोनों अधिकारियों ने कहा कि लूटखसोट की शिकायत जयपुर में आयुक्त के पास ही की जाए। टेलीफोन पर आयुक्त गायत्री एस.राठौड़ के निजी सहायक ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त मनीषा अरोड़ा से सम्पर्क किया जावे। इसके बाद जब मनीषा अरोड़ा से संवाद किया गया तो उन्होंने माना कि प्रदेशभर से वाहन मालिकों की शिकायत जयपुर मुख्यालय पर पड़ी है। विभाग रियल मेजैन कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने पर विचार कर रहा है। लेकिन  मनीषा अरोड़ा ने यह भी नहीं बताया कि कंपनी का लाइसेंस कब तक निरस्त कर दिया जाएगा। 27 मार्च को जिस प्रकार ट्रांसपोर्ट विभाग ने डीटीओ से लेकर अतिरिक्त आयुक्त तक ने लूट खसोट पर अपनी लाचारी दिखाई। इससे सवाल उठता है कि क्या कंपनी के लूट खसोट को प्रदेश के परिवहन मंत्री यूनूस खान का संरक्षण है? जब प्रदेश भर से कंपनी की लूट खसोट की शिकायतें मुख्यालय पर पड़ी है, तो फिर तत्काल लाइसेंस निरस्त क्यों नहीं किया जा रहा है। 75 रुपए के बजाए 400 रुपए तक की वसूली होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन लाखों रुपए की अवैध वसूली हो रही है। विभाग के अधिकारियों की इतनी हिम्मत भी नहीं है कि नम्बर प्लेट लगाने वाले स्थान पर विभाग के किसी कर्मचारी को नियुक्त कर दें। पूरे प्रदरेश में इस लूट खसोट से भाजपा सरकार की बदनामी हो रही है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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