Saturday 28 March 2015

खादिमों ने किया दीवान के पुत्र का इस्तकबाल

खादिमों ने किया दीवान के पुत्र का इस्तकबाल
समझौते के बाद पहली बार एक साथ नजर आए दोनों पक्ष
विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह में आने वाले चढ़ावे को लेकर खादिमों और दरगाह दीवान के बीच जो समझौता हुआ उसमें 28 मार्च को पहली बार दोनों पक्ष एक साथ नजर आए। हालांकि समझौते से पहले दोनों पक्ष कई वर्षो तक झगड़ते रहे थे। 28 मार्च यहां अजयमेरु प्रेस क्लब के एक समारोह में दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन के बड़े पुत्र और उनके उत्तराधिकारी माने जाने वाले सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती और खादिमों की दोनों प्रतिनिधि अंजुमनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। माहौल उस समय सद्भावनापूर्ण हो गया जब खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा और अंजुमन यादगार के प्रतिनिधियों ने दीवान के पुत्र नसीरुद्दीन को माला पहनाई। माला पहनाने के बाद अंगारा ने नसीरुद्दीन को गले भी लगाया। इस अवसर पर खादिम अहमद चिश्ती, मनुव्वर चिश्ती, पीर सईद गुलाम चिश्ती, गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के अध्यक्ष जुल्फिकार चिश्ती, दरगाह कमेटी के पूर्व सदस्य आबिद पहलवान आदि के साथ नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया, सीईओ सी.आर. मीणा, उद्योगपति हेमन्त भाटी, पूर्व नाजिम शाकिर अहमद, जनसम्पर्क विभाग के उपनिदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी आदि भी उपस्थित थे। समारोह में सभी लोगों ने खादिम समुदाय और दीवान के पुत्र के मिलन को महत्वपूर्ण घटना मानी। दरगाह में आने वाले चढ़ावे को लेकर खादिम समुदाय और दीवान के बीच लम्बी कानूनी लड़ाई हुई। बंटवारे को लेकर कई बार दोनों पक्षों में दरगाह के अंदर ही मारपीट, गाली-गलौज आदि की गंभीर घटनाएं भी हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोनों पक्षों ने आपस में बैठकर समझौता कर लिया। इस समझौते के अनुसार खादिम समुदाय प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए की राशि दरगाह दीवान को देगा। इस समझौते के बाद दरगाह में आने वाले चढ़ावे को आधा-आधा बांटने का काम भी बंद हो गया। हालांकि इसके लिए दरगाह कमेटी ने दरगाह परिसर में दान पेटियां तक लगा दी थी। 28 मार्च को यह पहला अवसर रहा, जब खादिम और दरगाह दीवान के प्रतिनिधि एक साथ नजर आए। समारोह के बाद दोनों पक्षों ने एक साथ बैठकर खाना भी खाया। माना जा रहा है कि सद्भावना के इस माहौल से दोनों पक्षों के बीच मित्रता और मजबूत होगी। समारोह में दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन ने कहा कि मेल मिलाप की जो शुरुआत हुई है, वह आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि वे और खादिम समुदाय मिलकर दरगाह में आने वाले जायरीन की सहुलियतों के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दरगाह में धार्मिक रस्मों को भी अब सभी पक्ष मिलकर निभाएंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment