Thursday 26 March 2015

क्रिकेट में इस हार का जिम्मेदार कौन

क्रिकेट में इस हार का जिम्मेदार कौन
क्रिकेट के विश्वकप में 26 मार्च को सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 95 रनों से बुरी तरह हरा दिया। खेल में हार-जीत चलती रहती है, लेकिन सवाल उठता है कि जो भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल तक लगातार सात मैचों में विजयी रही, वह आखिर सेमीफाइनल में कैसे हार गई? विश्वकप के जब ग्रुप मैच शुरू हुए तो बीसीसीआई ने खिलाडिय़ों पर अपनी पत्नी, गर्लफ्रैंड आदि को साथ रखने पर रोक लगा दी। शायद यह रोक इसलिए लगाई गई ताकि खिलाड़ी मन लगाकार मैच खेले। बीसीसीआई का यह निर्णय कारगर भी साबित हुआ और भारतीय टीम लगातार सात मैच जितती चली गई, लेकिन सेमीफाइनल के मैच शुरू होने से पहले बीसीसीआई ने यह छूट दे दी कि खिलाड़ी अपनी पत्नियों, गर्लफ्रेंड अथवा महिला दोस्तों को अपने कमरे में साथ रख सकते हैं। इस छूट के मिलते ही दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली की गर्लफ्रैंड और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा भी भारत से ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई। अनुष्का के साथ रहने के बाद 26 मार्च को जब सिडनी में सेमीफाइनल मैच हुआ तो विराट कोहली मात्र एक रन बनाकर आउट हो गए। इस एक रन बनाने में विराट ने 13 गेेंदे खर्च कर दी। विराट कोहली  और अनुष्का शर्मा के संबंधों को लेकर पहले भी अनेक विवाद खड़े हो चुके हैं। इन विवादों के बीच ही बीसीसीआई ने खिलाडिय़ों को अपनी गर्लफ्रैंड रखने की छूट दे दी। सवाल उठता है कि क्या खिलाड़ी देश से भी बड़े हो गए है। जब महिला दोस्तों को रखने की छूट मिल ही गई तो स्वभाविक है कि भारतीय टीम के दूसरे खिलाड़ी भी मौज-मस्ती में लगे रहे होंगे। यह माना कि क्रिकेट अंग्रेजों का खेल है, लेकिन हमारे खिलाड़ी तो भारतीय संस्कृति वाले हैं। हमारी संस्कृति में यह उचित नहीं है कि कोई लड़का विवाह से पहले अपने दोस्त के साथ रहे। कम से कम बीसीसीआई को भारतीय संस्कृति का तो ख्याल रखना ही चाहिए था। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जब भारत को 329 रनों का लक्ष्य दिया तो हमारे खिलाडिय़ों को जिम्मेदारी के साथ खेलना चाहिए था, लेकिन जिस तरह शिखर धवन अनाड़ी खिलाड़ी की तरह 45 रन बनाकर आउट हुए तो फिर विकट गिरने की झड़ी ही लग गई। कोहली 1, रहाणे 44, रैना 7, रोहित 34, जडेजा 16, अश्विन 5 और मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा, उमेश यादव तो 1 रन भी नहीं बना सके। अकेले कप्तान धोनी ने संघर्ष करते हुए 65 रन बनाए। यदि हमारे बल्लेबाज महिला दोस्तों के चक्कर में नहीं फंसते तो मुकाबला कड़ा होता। हमारी टीम पूरे मैच में मुकाबले में नजर ही नहीं आई। मैच के बाद धोनी ने स्पष्ट कर दिया कि अभी वे सन्यास नहीं ले रहे है। असल में टीम के खिलाडिय़ों के चयन में धोनी की ही चली थी। युवराज सिंह के पिता ने आरोप भी लगाया था कि धोनी की नाराजगी के चलते युवराज का विश्वकप की टीम में चयन नहीं हुआ। जिस तरह सेमीफाइनल में टीम हारी है, उससे युवराज सिंह के पिता को भी धोनी पर हमला करने का अवसर मिल गया है। भारत में टीम के विरोध को देखते हुए ही हार के तुरंत बाद धोनी के रांची स्थित निवास स्थान पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। देखना है कि हारे हुए हमारे खिलाड़ी जब भारत आएंगे तब उनका स्वागत कैसा होगा। विश्वकप का फाइनल मैच अब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ 29 मार्च को मेलबर्न में होगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment