Sunday 8 March 2015

क्या हीलिंग टच सिर्फ अलगाववादियों के लिए ही है

क्या हीलिंग टच सिर्फ अलगाववादियों के लिए ही है
कश्मीर को भारत से अलग करने की मुहिम चलाने वाले अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनके पिता और कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद ने हीलिंग टच देने के लिए आलम की रिहाई की है। महबूबा के इस बयान से सवाल उठता है कि क्या हीलिंग टच सिर्फ अलगाववादियों के लिए ही है। सब जानते हैं कि कश्मीर में आतंककारियों ने जो हालात पैदा किए, उससे करीब चार लाख हिन्दू और सिक्खों को कश्मीर छोडऩा पड़ा। ये हिन्दू और सिक्ख आज भी इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन इन लोगों को वापस कश्मीर में अपने घरों में बैठाने वाला कोई नहीं है। महबूबा को हीलिंग टच करनी ही है तो हिन्दू और सिक्खों के साथ भी की जाए। हिन्दू और सिक्ख तो कम से कम कश्मीर को भारत से अलग नहीं करना चाहते हैं। जहां तक कश्मीर में भाजपा की भूमिका का सवाल है तो उसे भी यह समझ लेना चाहिए कि यदि हीलिंग टच हिन्दुओं के प्रति नहीं दिखाई गई तो कश्मीर भारत से और दूर होता चला जाएगा। भाजपा को सईद के इस बयान को गंभीरता के साथ लेना चाहिए कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों की मेहरबानी की वजह से ही कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हुए है। सईद के इस बयान से यह प्रतीत होता है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही आतंकवादियों और अलगाववादियों के साथ पीडीपी का समझौता हो गया था। सईद ने यही वायदा किया होगा कि उनके सीएम बनने पर सबसे पहले जेलों में बंद अलगाववादियों को रिहा किया जाएगा। शायद अपने वायदे के अनुरूप ही सईद ने मसरत आलम को रिहा भी कर दिया। अब भाजपा के नेता जम्मू में बैठकर विरोध कर रहे हैं। इस विरोध का पीडीपी पर कोई असर नहीं हो रहा है। भाजपा के समर्थन से चल रही सईद की सरकार आने वाले दिनों में अन्य अलगाववादियों की रिहाई भी करेगी। देखना है कि कितने आतंकारियों और अलगाववादियों की रिहाई के बाद भाजपा सईद सरकार से समर्थन वापस लेती है। भाजपा जितने दिन कश्मीर में सईद की सरकार चलाएंगी उतने दिन भाजपा को देशभर में राजनीतिक दृष्टि से नुकसान होगा। कश्मीर में सईद की सरकार चलाकर भाजपा एक खतरनाक खेल खेल रही है। कश्मीर में आतंकवादियों की मेहरबानी से होने वाली शांति पूरे देश के लिए घातक है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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