Friday 20 March 2015

जागरुक नागरिक ही बनाएंगे अजमेर को स्मार्ट

जागरुक नागरिक ही बनाएंगे अजमेर को स्मार्ट
पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमरीका के साथ समझौता कर जगत पिता ब्रह्मा की नगरी और सूफीसंत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह वाले अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा कर दी है। अजमेर के डीसी धर्मेन्द्र भटनागर ने सरकारी अधिकारियों की भरमार वाली कमेटियों का गठन भी कर दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सरकारी अधिकारी और वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था अजमेर को स्मार्ट बना सकते हैं? अजमेर की जनता यह अच्छी तरह जानती है कि इस शहर के प्राकृतिक सौंदर्य को बिगाडऩे में अधिकारियों और राजनेताओं की भूमिका ही सबसे महत्त्वपूर्ण रही है। यदि नेताओं और अफसरों की सांठ-गांठ नहीं होती, तो आज मुख्य बाजारों से लेकर गली कूचों तक में बड़े-बड़े अतिक्रमण नहीं होते। सरकारी जमीनों पर कब्जे से लेकर बाजारों में अस्थाई अतिक्रमण करवाने तक में नेताओं और अफसरों की मिलीभगत रही है। शहर के जागरुक नागरिक नेताओं और अफसरों के खिलाफ चिल्ल-पौ तो करते हैं, लेकिन इस गठजोड़ को तोडऩे के लिए कभी भी मजबूत प्रयास नहीं करते। सत्ता चाहे कांग्रेस की हो अथवा भाजपा की। दोनों सरकारों में अफसरों की मौज और जनता की पिसाई होती है।
दार्शनिक जॉर्ज बर्नार्ड शा ने कहा है कि जिस शहर की जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरुक नहीं होती उस शहर (देश) के धूर्त राजनेता मक्खन से रोटी लगाकर खाते हैं। अजमेर की जनता ने पिछले कई वर्षों से कमोबेश ऐसी ही हालात देंखे हैं। राजनीतिक में आने से पहले नेताओं की सम्पत्ति और आज की सम्पत्ति का आंकलन किया जाए तो जाहिर है कि राजनेताओं ने मक्खन वाली रोटी ही नहीं खाई बल्कि मक्खन के पराठें और पुडिय़ां भी खाई हंै। इसी प्रकार जो अधिकारी एक बार अजमेर में नियुक्त हो गया, वह फिर अजमेर से हटना नहीं चाहता। इसका यही कारण है कि अजमेर की जनता ऐसे अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की पूरी छूट देती है। नेता और अधिकारी एक को बुलाते हैं तो उनके घरों के बाहर और धनाढ्य लोगों की लाइन लग जाती है। पीएम नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे कितना भी जोर लगा लें, लेकिन अजमेर के राजनेताओं और अधिकारियों का गठजोड़ इस शहर को स्मार्ट नहीं बनने देगा। इसके लिए अब जागरुक लेागों को ही आगे आना होगा। अजमेर स्मार्ट बनेगा तो फिर यहां के अभिभावकों को अपने बच्चों को उच्च शिक्षा और बड़ी कंपनियों में नौकरी के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ेगा। जागरुकता दिखाने के लिए अजमेर के नागरिकों को आगामी अगस्त माह में होने वाले नगर निगम के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। नगर निगम में समझदार, जागरुक, ईमानदार, निष्पक्ष और अपने शहर का हितैषी पार्षद ही चुना जाना चाहिए। इसके लिए अब तक चिल्ल-पौ करने वाले जागरुक नागरिकों को ही पहल करनी होगी। शहर के ऐसे ही विचारवादी लोगों के समूह 'हम लोग ने रविवार 22 मार्च को प्रात: 11 बजे वैशाली नगर स्थित होटल आराम के परिसर में एक बैठक रखी है, जो लोग वाकई अजमेर को स्मार्ट देखना चाहते हैं, वे सभी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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