Tuesday 3 May 2016

राजस्थान पत्रिका की बालहंस के पहले सम्पादक थे मनोहर वर्मा। ब्लॉसम स्कूल के बच्चों ने मनाई वर्मा की प्रथम पुण्यतिथि।



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2 मई को अजेमर के वैशाली नगर स्थित ब्लॉसम पब्लिक स्कूल में देश के ख्याति प्राप्त बाल साहित्यकार मनोहर वर्मा की प्रथम पुण्यतिथि श्रद्धा के साथ मनाई गई। स्कूल के बच्चों ने स्वर्गीय वर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि समारोह में मुझे भी बोलने का अवसर मिला। मैं जबसे पत्रकारिता में सक्रिय हुआ, तब से ही मनोहर वर्मा को देखता आ रहा हंू। अनेक बाल समारोह में और साहित्यिक गोष्ठियों में मैंने मनोहर जी के साथ भाग भी लिया। बाल साहित्य का शायद ही कोई पुरस्कार होगा जो मनोहर जी को न मिला हो। देश के प्रमुख हिन्दी दैनिक राजस्थान पत्रिका ने वर्ष 1986 में जब पहली बार बच्चों के लिए बालहंस पत्रिका का प्रकाशन किया तो इस बालहंस के प्रथम सम्पादक मनोहर वर्मा ही बने। मनोहर जी ने मुझे उन परिस्थितियों के बारे में अनेक बार बताया, जब राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक कर्पूरचंद कुलिशजी से उनकी वार्ता होती थी। कुलिश जी का ही प्रभाव था कि रेलवे की शानदार नौकरी छोड़कर मनोहर जी बालहंस के सम्पादक बन गए। यदि मनोहर जी में बालपन नहीं होता तो वे बालहंस के सम्पादक भी नहीं बनते। आज तो बच्चों को समझाने के लिए बहुत सारे तौर तरीके उपलब्ध हैं, लेकिन मनोहर जी ने बच्चों की समस्याओं के बारे में तब सोचा, जब बाल समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं था। 1955 में सरिता पत्रिका में नया मेहमान के नाम से जो रचना प्रकाशित हुई, वह बच्चों पर ही थी। मैं यह बात दावे से कह सकता हंू कि मनोहर जी ने अपने जीवन काल में बच्चों के लिए जो साहित्य लिखा, वह आज बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। मनोहर जी को भले ही जीते जी वो सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे, लेकिन निधन के बाद कम से कम उनकी पुस्तकों को तो सम्मान मिलना ही चाहिए। मनोहर जी ने बाल साहित्य पर कोई  पांच सौ पुस्तकें लिखी होंगी।
समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्यकार और रंगकर्मी उमेश चौरसिया ने कहा कि आज मनोहर जी के साहित्य को प्रचारित करने की जरुरत है। टीवी संस्कृति के चलते बच्चों में जो बुराइयां जन्म ले रही है, उन्हें मनोहर जी के साहित्य से ही रोका जा सकता है। उत्सव मंच के अध्यक्ष राकेश आनंदकर ने कहा कि मनोहर जी के साहित्य को प्रचारित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। समाजसेवी और रंगकर्मी दिलीप पारीक ने कहा कि अब प्रतिवर्ष मनोहर जी की पुण्यतिथि पर एक लेखन प्रतियोगिता आयोजित होगी और इसकी शुरुआत ब्लॉसम स्कूल से ही की जा रही है। लॉयन्स क्लब के अध्यक्ष और समाजसेवी राजेन्द्र गांधी ने कहा कि मनोहर वर्मा जी की स्मृति में होने वाली लेखन प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार लॉयन्स क्लब की ओर से दिए जाएंगे। साहित्यकार और प्रकाशक अनिल गोयल ने कहा कि मनोहर जी की पुस्तकों को रियायती दरों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता मानसिंह वर्मा ने कहा कि मनोहर जी उनके व्यक्तिगत मित्र थे। इस अवसर पर स्कूल के निदेशक अशोक कश्यप ने कहा कि मनोहर जी की स्मृति में प्रतिवर्ष लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (02-05-2016)
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