Monday 23 May 2016

लड़कियों ने आलीमा और लड़कों ने हाफिज की डिग्री ली। कुरान की शिक्षा को बढ़ाने का लिया संकल्प।

#1370

---------------------------------------
22 मई को अजेमर जिले के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले ऊंटड़ा गांव के मदरसे में एक बड़ा जलसा हुआ। इस जलसे के मुख्य आयोजक मौलाना मोहम्मद अय्यूब कासमी ने मुझे भी खासतौर से आमंत्रित किया। मैं प्रात:11 बजे जब मदरसे के समारोह में पहुंचा तो लड़के-लड़कियां धार प्रवाह कुरान से जुड़ी जानकारी दे रहे थे। समारोह में यह एक तरह से बच्चों का टेस्ट हो रहा था। दूसरी तरफ मंच पर देशभर से आए मुस्लिम विद्वान विराजमान थे। मुझे भी मुस्लिम विद्वानों के बीच सम्मान दिया गया और साथ ही यह भी आग्रह किया कि समारोह का कोई फोटो न खींचा जाए। कहा गया जो धर्म गुरु बैठे हैं, वे अपना फोटो नहीं       खींचवाते हैं। हमें धर्मगुरुओं की भावनाओं का सम्मान करना पड़ता है। मैंने मौलाना कासमी से कहा भी जब आप इतना बड़ा जलसा कर रहे हैं तो फिर इसका प्रचार-प्रसार होना ही चाहिए। यदि मुस्लिम विद्वानों के साथ धार्मिक शिक्षा की डिग्री लेने वाले बच्चों के फोटो प्रसारित होते हैं तो बच्चों की भी हौंसला अफजाई होगी, लेकिन मुझे यह सुनकर ताज्जुब हुआ कि डिग्री लेने वाले बच्चों की फोटो भी नहीं ली जा सकती है। मैंने मौलाना कासमी के सभी आग्रहों को माना और समारोह को समझने का प्रयास किया। मैंने यह समझा कि मुस्लिम समाज भी यह चाहता है कि धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान, गणित और अंग्रेजी भाषा की शिक्षा भी बच्चों को दिलाई जाए। कुछ देर बाद मौलाना कासमी ने आग्रह किया कि इस जलसे में मैं भी विचार रखंू। समारोह का जो माहौल था उसे देखते हुए मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि बोलने का अवसर मिलेगा। मेरे लिए यह सकून और सम्मान की बात थी कि देशभर से आए मुस्लिम विद्वानों के बीच बोलने का अवसर मिला। मैंने कहा कि शिक्षा का महत्त्व तभी है जब समाज के विकास में भागीदारी हो। अभी हाल ही में यूपीएससी में सिविल सेवा का जो परिणाम घोषित हुआ है, उसमें अनेक मुस्लिम अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ है, कुछ तो टॉप 10 में आए हैं। यानि मुस्लिम विद्यार्थियों में भी योग्यता की कोई कमी नहीं है। 
हम आज मदरसों में जो शिक्षा दे रहे हैं उसे और उपयोगी बनाया जाए ताकि मुस्लिम लड़के-लड़कियां भी सरकार के ऊंचे ओहदें पर बैठे। चूंकि समारोह का पूरा माहौल धार्मिक था इसलिए मुझे भी माहौल के अनुरूप अपनी बात रखनी पड़ी। शिक्षा चाहे धर्म की हो अथवा आधुनिक दौर की शिक्षा हमेशा इंसान को एक सुयोग्य नागरिक बनाती है। कुरान में तो यहां तक कहा गया है कि यदि आप का पड़ौसी भूखा है तो आपको भर पेट खाने का हक नहीं है। यदि इस भावना से शिक्षा का विस्तार हो रहा है तो यह अच्छी बात है। मेरे संबोधन के बाद मौलाना कासमी ने बताया कि मदरसों में अब अन्य शिक्षा भी दी जा रही है और ऊंटड़ा में मुस्लिम छात्राओं के लिए अलग मदरसा से शुरू किया गया है। मदरसा बोर्ड ने ऊंटड़ा मदरसे को राजस्थान भर में मॉडल मदरसा घोषित किया है। 
जलसे में जयपुर स्थित जामा मस्जिद के मुफ्ती अजमद अली ने कहा कि हर मुसलमान के लिए कुरान की शिक्षा ग्रहण करना जरूरी है। इसलिए जगह-जगह मदरसे खोल कर लड़के-लड़कियों को शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि आम मुसलमान को कुरान की शिक्षा के अनुरूप अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। जलसे में ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान के उत्तराधिकारी सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि पूरे हिन्दुस्तान में ख्वाजा साहब ने पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने डिग्री लेने वाले लड़के-लड़कियों के प्रति शुभकामना प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि बच्चे अपने धर्म के अनुरूप ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। समारोह में दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन की दरगाह, गुजरात के सूरत स्थित जामिअतुल किरात कफलेता, इशाअतुल उलुम अकलकुंवा दारुल उलूम पोकरण, मदरसा खादिमुल इस्लाम भाखारी पीपाड़ के साथ-साथ राजस्थान,गुजरात महाराष्ट्र आदि राज्यों के मदरसों से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे। मौलाना कासमी ने बताया कि जलसे में लड़कियों को आलीमा और लड़कों को हाफीज की डिग्री दी गई। कुरान के सभी 30 पारे(वोल्यूम) मुंह जुबानी बोलने पर हाफीज की डिग्री दी जाती है। आलीमा की डिग्री लेने के बाद लड़कियां भी किसी भी मौलाना की तरह कुरान की जानकारी देने का हक रखती हंै। इस जलसे में अजमेर सहित मकरना, दूदू, फुलेरा, सांभर, नरेना आदि क्षेत्रों में चलने वाले मदरसों के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मौलाना कासमी की संस्था इदारा-ए-दावतुल हक इस क्षेत्र में पचास से भी ज्यादा छोटे-बड़े मदरसों का संचालन करती है। 
लड़कियों का फोटो:
मेरे विशेष आग्रह पर मौलाना कासमी ने आलीमा की डिग्री लेने वाली लड़कियों का एक फोटो खींचवाया। इतने बड़े जलसे का सिर्फ यह फोटो ही मिल पाया है। यह फोटो भी आयोजको की सहमति से पोस्ट किया जा रहा है। 
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग www.spmittal.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (22-05-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment