Sunday 8 May 2016

देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गई भगवान।



अब मां से प्यार को भी जताना पड़ रहा है। 
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8 मई को मदर्स-डे मनाया गया। जो लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं उनमें से अधिकांश ने अपने फोटो अपनी मां के साथ पोस्ट की है। मां को सम्मान मिले इस पर शायद ही किसी को ऐतराज होगा। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि क्या हमें मां से प्यार करने की बात को जताने की जरुरत है? मेरा मानना है कि मदर्स-डे पर जिन भी लोगों ने मां के साथ फोटो पोस्ट की है, उन घरों में मां का सम्मान होता ही है। यदि इन घरों में मां का सम्मान नहीं होता तो फोटो भी पोस्ट नहीं होती। इसका मतलब यह नहीं कि जिन लोगों ने मां के साथ फोटो पोस्ट नहीं की है, उनके घरों में मां का सम्मान नहीं होता। हो सकता है अनेक लोगों को मां के साथ प्यार को जताने की आवश्यकता ही नहीं हो। ऐसे लोगों मन में तो भगवान से पहले मां की तस्वीर होती है, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मदर्स-डे पर मां के साथ फोटो पोस्ट की है वे बधाई के पात्र हैं। क्योंकि इससे उन लोगों को प्रेरणा मिलेगी, जिनकी करतूतों की वजह से भारत जैसे देश को भी मदर्स-डे मनाना पड़ रहा है। महिलाओं पर जिस तरह से लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए ही मदर्स-डे मनाने की नौबत आई है। सिर्फ मां के साथ फोटो खींच लेने से मदर्स-डे सफल नहीं होता। मां का मतलब सम्पूर्ण महिला जात से है। यानि नवजात कन्या से लेकर बूढ़ी दादी व परदादी तक इसे बेहद शर्मनाक ही कहा जाएगा, एक ओर मदर्स-डे मना रहे हैं दूसरी ओर कोख में ही कन्या भ्रूण की हत्या कर रहे हैं। जवान होती बच्चियों के साथ बलात्कार, दहेज के नाम पत्नी की हत्या और फिर अपनी मौजमस्ती के लिए माता पिता को दूर रखना। असल में हम सब को एक सम्पूर्ण मां का सम्मान करने की जरुरत है। यह अच्छी बात है कि हम मदर्स-डे पर मां के साथ प्यार जताने वाला फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही हमें कन्या भू्रण हत्या नहीं करने, दहेज नहीं देने और बहू को प्रताडि़त नहीं करने का संकल्प लेना होगा। 
(एस.पी. मित्तल)  (08-05-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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