Friday 6 May 2016

अब नक्सलियों से लड़ेंगी प्रशिक्षित महिला जवान। सीआरपीएफ के अजमेर केन्द्र में हुआ दीक्षांत समारोह।



डीजी ने कहा हर चुनौती से निपटने को तैयार।
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6 मई को अजमेर में चामुंडा माता के मंदिर की पहाडिय़ों के नीचे बने सीआरपीएफ के ग्रुप दो के मैदान पर 567 महिला जवानों का शानदार दीक्षांत समारोह हुआ। समारोह में उपस्थित सीआरपीएफ के डीजी के.दुर्गाप्रसाद ने कहा कि सीआरपीएफ के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कठिन प्रशिक्षण के बाद इस बटालियन को तैयार किया गया है। इस बटालियन में शामिल सभी 568 महिला जवान अब देश के नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में तैनात होंगी। नक्सलियों ने जिस प्रकार महिलाओं को आगे कर लडऩे की रणनीति बनाई है, उसी का जवाब देने के लिए सीआरपीएफ ने भी महिला जवानों को तैयार किया है। घने जंगलों में विपरित परिस्थितियों में किस प्रकार नक्सलियों से मुकाबला किया जाए, इसका कठोर प्रशिक्षण दिया गया है। आधुनिक हथियारों को चलाने, कानून को समझने, मानवाधिकारों का पालन करने का आदि सभी बातें इन महिला जवानों को सिखाई गई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि फील्ड में जाकर यह महिला जवान अपने देश की रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हंू कि ये जवान दिलेरी के ऐसे कारनामे करें ताकि में ही इनके सीने पर मैडल लगाऊं। उन्होंने कहा कि देश का वो नागरिक भाग्यशाली होता है जिसे देश की सेवा करने का अवसर मिलता है। 
डीजी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि आज देश में सीआरपीएफ का कितना महत्त्व है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब किसी राज्य में हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं तो सबसे पहले सीआरपीएफ की ही मांग की जाती है। सभी राज्य सीआरपीएफ की दिलेरी, मेहनत और कानून को समझने की स्थितियों पर भरोसा करते हैं। 
कई बार नक्सली इलाकों में सीआरपीएफ की टुकडिय़ों पर जानलेवा हमले होते हैं। इसका यह मतलब नहीं कि हमारा सूचना तंत्र विफल है। असल में नक्सली गिद्ध की प्रवृत्ति के अनुरूप हमले करते हैं। कई बार हमारे जवानों को भौगोलिक स्थितियों की जानकारी नहीं होने की वजह से भी नक्सलियों को सफलता मिल जाती है। 
देश सेवा की शपथ:
567 महिला जवानों ने राष्ट्रीय ध्वज और सीआरपीएफ के ध्वज के हाथ लगाकर देश सेवा की शपथ ली। इस शपथ में स्वीकार किया कि देश की खातिर अपना बलिदान देने को भी हमेशा तैयार रहूंगी। जिस जोशीले अंदाज में महिला जवानों ने शपथ ली, उससे जाहिर था कि अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिकों की सुरक्षा और मजबूत होगी। 
चार जवानों को पुरस्कार
समारोह में डीजी ने चार महिला जवानों को पुरस्कार से सम्मानित किया। इस बटालियन के कमानडेंट लालचंद यादव ने बताया कि विमला देव बर्मन ने फायरिंग, बंटी कुमारी ने कानून मानवाधिकार, प्रियंका एक्का ने शारीरिक व्यायाम प्रदर्शन तथा वैशाली लोहा ने प्रशिक्षण के दौरान ऑल राउंड प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। समारोह में महिला जवानों ने जोखिम भरे प्रदर्शन भी किए। 
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (06-05-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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