Tuesday 21 April 2015

पाकिस्तानियों के लिए बिछे दस्तरखान

मुम्बई आतंकी हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद भले ही पाकिस्तानी फौज की मदद से हमारे कश्मीर को हड़पने की तैयारी कर रहा हो, लेकिन यहां अजमेर में पाकिस्तान के पांच सौ नागरिकों के शानदार इस्तकबाल के लिए जिला प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां चल रहे ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में शरीक होने के लिए पाकिस्तानियों का दल 22 अप्रैल को अजमेर पहुंच रहा है। यह दल सुबह जब अजमेर पहुंचेगा, तब जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी रेलवे स्टेशन पर पाक नागरिकों का शानदार इस्तकबाल करेंगे। हर पाकिस्तानी को फूलों की माला पहनाई जाएगी और फिर आलीशान बसों से पाकिस्तानियों को उनके आवास स्थल पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गल्र्स स्कूल में ले जाया जाएगा। चूंकि यह स्कूल सरकारी है इसलिए पाकिस्तानियों के आने से पहले ही स्कूल को बंद कर दिया गया है। स्कूल अब तभी खुलेगा जब 27 अप्रैल को पाकिस्तानी इस स्कूल से चले जाएंगे। स्कूल के जिन कमरों में बालिकाएं अध्ययन करती हैं, उन कमरों में गलीचे आदि बिछवा दिए गए है, ताकि पाकिस्तानी आराम से रह सके, इतना ही नहीं पाकिस्तानियों के लिए चौबीस घंटे बिजली पानी उपलब्ध हो इसे स्कूल परिसर में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तानियों की खिदमत में तैयार रहेंगे। यदि किसी पाकिस्तानी को कोई परेशानी होगी तो जिला प्रशासन के कारिंदे उसे तत्काल दूर करेंगे।
दरगाह परिसर में भी पाकिस्तानियों के इस्तकबाल के खास इंतजाम किए गए है। सिटी मजिस्ट्रेट और उर्स मेला मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव ने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुरूप पाकिस्तानियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। ख्वाजा साहब के उर्स में शरीक होने के लिए पाकिस्तानी प्रतिवर्ष अजमेर आते हैं, लेकिन जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात होते हैं तो पाकिस्तानियों की यात्रा को रद्द कर दिया जाता है, लेकिन इस बार पीएम नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार का आंकलन है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई तनावपूर्ण हालात नहीं है। इसलिए पूरे सम्मान के साथ पाकिस्तानियों को अजमेर लाया जा रहा है।
दीवान ने किया था विरोध
ख्वाजा साहब की दरगाह के सज्जादानशीन और दीवान सैय्यद जैनुअल अली आबेदीन ने पाकिस्तानियों की यात्रा का विरोध किया था। दीवान आबेदीन ने एक बयान जारी कर कहा था कि हाफिज सईद जैसे पाकिस्तानी भारत के खिलाफ जो माहौल बना रहे हैं, उसे देखते हुए इस बार ख्वाजा साहब के उर्स में पाकिस्तानियों के आने पर रोक लगा दी जाए। दीवान आबेदीन ने पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा मुसलमानों की हत्या किए जाने की भी निंदा की है। दीवान का मानना है कि इस्लाम धर्म में किसी निर्दोष की हत्या को धर्मविरोधी माना गया है। दीवान आबेदीन ने आशंका जताई है कि पाकिस्तानी अजमेर आकर शांतिपूर्ण माहौल को भी बिगाड़ सकते हैं, लेकिन सरकार ने दरगाह दीवान की अपील को गंभीरता से नहीं लिया।
कश्मीर के हालात बदत्तर
500 पाकिस्तानियों के शानदार इस्तकबाल के लिए भले ही अजमेर में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन हमारे ही देश के कश्मीर प्रांत में हालात बेहद खराब है। अलगाववादी नेता मसरत आलम के नेतृत्व में खुले आम पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कश्मीर को भारत से अलग कर पाकिस्तान में मिलाने के लिए हड़ताल की जा रही है। पाकिस्तान में बैठकर हाफिज सईद ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी फौज की मदद से कश्मीर को भारत से अलग करवा दिया जाएगा। कश्मीर में अभी भी पाकिस्तानी पाकिस्तान के समर्थकों का बोलबाला है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार को लगता है कि दोनों देशों के बीच सद्भावना का माहौल बना हुआ है और इसलिए 500 पाकिस्तानी के इस्तकबाल के लिए अजमेर दस्तरखान बिछा दिए गए हैं।
वाजपेयी को भूले भाजपाई
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भले ही हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित किया गया हो, लेकिन यहां 21 अप्रैल को भाजपा के नेताओं ने वाजपेयी के प्रति पूरी तरह बेरुखी दिखाई। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी ख्वाजा साहब के उर्स में वाजपेयी के निजी सहायक माने जाने वाले शिवकुमार शर्मा वाजपेयी की ओर से चादर को लेकर आए, लेकिन जब इस चादर को पवित्र मजार पर पेश किया गया तो भाजपा का एक भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं था। फलस्वरूप शर्मा वाजपेयी के खादिम सैय्यद अब्दुल बारी ने ही चादर पेश करने की रस्म अदा की।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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