Friday 10 April 2015

गैलरी में बैठने को मजबूर हैं अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट

गैलरी में बैठने को मजबूर हैं अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट
इसे प्रशासनिक दृष्टि से दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जहां एक ओर कलेक्ट्रेट परिसर में क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री द्वारा कब्जाया गया वातानुकुलित कक्ष खाली पड़ा हुआ है, वहीं सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव जैसे वरिष्ठ अधिकारी को गैलरी में बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि सिटी मजिस्ट्रेट के लिए कलेक्ट्रेट में कक्ष आरक्षित है, लेकिन इस कक्ष में पिछले 15 दिनों से मरम्मत का कार्य चल रहा है। ऐसी स्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट के बैठने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर की गैलरी में वैकल्पिक इंतजाम किया गया है। गैलरी का स्थान इतना सकड़ा है कि उसमें सिटी मजिस्ट्रेट यादव की कुर्सी और टेबल बड़ी मुश्किल से लगाई गई है। सिटी मजिस्ट्रेट से लोग दिनभर मिलने आते हैं। इतना ही नहीं धारा 151 में गिरफ्तार छोटे-मोटे अपराधियों को भी सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष ही प्रस्तुत किया जाता है। सिटी मजिस्ट्रेट जब अदालत में नहीं बैठे होते हैं, तब उनके कक्ष में ही अपराधियों को प्रस्तुत किया जाता है। सिटी मजिस्ट्रेट के पास विभिन्न शाखाओं का भी कार्य होता है। उन्हें सैकड़ों फाइलों पर रोजाना हस्ताक्षर करने होते हैं। आम जनता से सीधा जुड़ाव होने के कारण लोग उनके कक्ष के बाहर ही बड़ी संख्या में खड़े रहते हैं।
चूंकि अब सिटी मजिस्ट्रेट स्वयं गैलरी में बैठते हैं, इसलिए मिलने वाले लोग खड़े खड़े ही अपनी समस्याओं को बताते हैं। कई बार सिटी मजिस्ट्रेट को गैलरी से उठकर बाहर आना पड़ता है। छोटी सी टेबल पर इतनी भी जगह नहीं है कि फाइलों को ढंग से रखा जा सके। जब फाइलों की संख्या ज्यादा होती है तो सिटी मजिस्ट्रेट गैलरी के निकट बने चुनाव शाखा के बाबू की कुर्सी पर जाकर बैठते हैं। लगातार बढ़ रही गर्मी से सिटी मजिस्ट्रेट  जैसे वरिष्ठ अधिकारी का कामकाज करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
गंभीर बात तो यह है कि सिटी मजिस्ट्रेट  की परेशानियों को दूर करने वाला कोई नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों को भी पता है कि सिटी मजिस्ट्रेट गैलरी में बैठ रहे हैं, लेकिन परेशानी को दूर करने की कोई पहल नहीं की जा रही है। ऐसा नहीं है कि कलेक्ट्रेट में कोई कक्ष खाली न हो। कलेक्ट्रेट परिसर में ही वातानुकुलित एक कक्ष खाली पड़ा है। चूंकि इस कक्ष को क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय जलसंसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट के सांसद कोष सुविधा केन्द्र के लिए आरक्षित कर दिया गया है, इसलिए किसी की भी हिम्मत नहीं है कि खाली पड़े कक्ष में जाकर बैठ जाए। जाट स्वयं भी इस कक्ष का उपयोग नहीं करते हैं। यह बात अलग है कि सांसद कोष सुविधा केन्द्र पहले से ही जिला परिषद में चल रहा है। आने वाले दिनों में सिटी मजिस्ट्रेट के काम का बोझ और बढ़ेगा। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ख्वाजा साहब का उर्स का झंडा 15 अप्रैल से चढ़ जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट  होने के नाते हरफूल सिंह यादव ही उर्स मेला मजिस्ट्रेट होंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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