Sunday 12 April 2015

कोई धर्म नहीं बदल सकता कर्मों के फल


कोई धर्म नहीं बदल सकता कर्मों के फल
आर्य समाज की राह कठिन-सोमदेव शास्त्री
यज्ञ के माध्यम से पूरे दे श में आर्य समाज की अलख जगाने वाले सोमदेव शास्त्री ने कहा है कि कोई भी धर्म व्यक्ति के कर्मों के फल नहीं बदल सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भी कहा है कि जो जैसा करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा।
रविवार को अजमेर प्रवास पर आए आर्य विद्वान सोमदेव शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज की राह बहुत कठिन है। इसीलिए आर्य समाज का अपेक्षा के अनुरूप विस्तार नहीं हुआ। उन्होंने माना कि आपसी विवाद के कारण भी आर्य समाज से जुड़ी संस्थाओं का बुरा हाल हो रहा है, लेकिन उनकी नजर में आर्य समाज की धीमी प्रगति का सबसे बड़ा कारण धर्म और कर्म है। आर्य समाज का सिद्धांत है कि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल मिलेंगे, जबकि धर्म की आड़ लेकर बहुत से लोग कर्मों के फलों को बदलने का दावा कर देते हैं। व्यक्ति कितने भी बुरे काम करें, लेकिन धर्म ने उन्हें ऐसे उपाय बता दिए जाते हैं, जिससेपरिणाम में बदलाव हो सकता है। आर्य समाज के मुकाबले लोगों को कई बार किसी धर्म का अनुसरण करना अच्छा लगता है। यही वजह है कि देश में बड़े-बड़े मठ, आश्रम आदि का तेजी से विस्तार हो गया है।
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि संस्कृत की शिक्षा का प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा है। इसीलिए बड़े महानगरों में संस्कृत के जानकारों का बेहद अभाव है। मुम्बई जैसे महानगरों में यज्ञ आदि के आयोजन के लिए मुंह मांगी कीमत दी जाती है। जो लोग संस्कृत के जानकार हैं, उन्हें एक यज्ञ कराने के दस हजार रुपए तक मिल जाते हैं। संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए ही उनके वेद मिशन के द्वारा प्रतिवर्ष वेद परायण यज्ञ और वेद सम्मेलन आयोजित किया जाता है। जिसमें संस्कृत के विद्वानों का सम्मान होता है। आर्य समाज मुम्बई की ओर से देशभर के गुरुकुलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को 15 हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी जाती है। आर्य समाज सांताक्रुज मुम्बई की ओर से 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले विद्वानों को एक हजार रुपए प्रतिमाह का अनुदान दिया जाता है। शास्त्री ने बताया कि वे स्वयं भी यज्ञ करवाते हैं, लेकिन उन्हें जो दक्षिणा मिलता है उसे आर्य समाज के प्रचार-प्रसार के लिए खर्च करते हैं। उनके मूल निवास स्थान मंदसौर जिले के नेनोरा गांव में प्रतिवर्ष वेद परायण यज्ञ का आयोजन किया जाता है। आगामी मई माह में इस बार 25वां वेद परायण यज्ञ होगा। रजत जयंती महोत्सव पर होने वाले इस यज्ञ में देशभर के आर्य विद्वान भाग लेंगे।
अजमेर में किया स्वागत
आर्य विद्वान सोमदेव शास्त्री के अजमेर आगमन पर महर्षि दयानंद सरस्वती निर्वाण स्मारक ट्रस्ट के पदाधिकारी डॉ.श्रीगोपाल बाहेती, स्वामी ओमानंद, पंडित रामस्वरूप शास्त्री आदि ने स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. बाहेती ने कहा कि सोमदेव शास्त्री पिछले पचास वर्षों से लगातार आर्य समाज का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वे अपनी क्षमता के अनुरूप विभिन्न संस्थाओं को सहयोग भी करते हैं। आज शास्त्री जैसे आर्यसमाजियों की जरुरत है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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