Friday 3 April 2015

अजमेर को स्मार्ट बनाने वालों को शर्म आनी चाहिए

अजमेर को स्मार्ट बनाने वालों को शर्म आनी चाहिए
दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण में तीन अप्रैल को योगेश सारस्वत की एक तथ्य परक स्टोरी छपी है। इसमें बताया गया कि संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में पीने के पानी का कोई माकूल इंतजाम नहीं है। इस अस्पताल में हमेशा 1200 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं और रिश्तेदारों तथा आउटडोर मरीजों के आने की संख्या को जोड़ा जाए तो प्रतिदिन चार हजार लोग इस अस्पताल परिसर में आते हैं। इतने बड़े अस्पताल में जलदाय विभाग से मात्र एक पानी का कनेक्शन ले रखा है, लेकिन इस कनेक्शन के माध्यम से आने वाला पानी भी बेकार जा रहा है, क्योंकि पानी का टेंक खराब है। ऑपरेशन थिएयटरों व चिकित्सा के अन्य कार्यों में खारे पानी का उपयोग हो रहा है। जहां तक मरीजों और उनके रिश्तेदारों का सवाल है तो पानी खरीदकर पी रहे हैं या फिर अस्पताल परिसर में दान से चल रही एक प्याऊ से पानी लाया जा रहा है। इस प्याऊ पर भी कई बार मीठा पानी पीने को उपलब्ध नहीं होता। एक ओर सरकारी अस्पताल की इतनी दुर्दशा है तो दूसरी ओर अजेमर के संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए रात दिन एक कर रहे हंंै। सरकार ने भटनागर को ही स्मार्ट सिटी की कमेटी का अध्यक्ष भी बना रखा है।
भटनागर रोजाना अधिकारियों की बैठक लेते हैं और शहर को स्मार्ट बनाने का ज्ञान पिलाते है। अच्छा हो कि भटनागर मरीजों को कम से कम मीठा पानी तो पीला दें। अस्पताल की जो मेडिकल रिलीफ सोसायटी बनी हुई है, उसके मुखिया भी भटनागर है। जब भटनागर अस्पताल की पानी की टंकी तक ठीक नहीं करवा सकते तो फिर इतने बड़े शहर को स्मार्ट कैसे बनाएंगे? शहर के दोनों मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल भी शहर को स्मार्ट बनाने का दावा कर रही है, लेकिन यह दोनों मंत्री भी अस्पताल में जलदाय विभाग से पानी के नए कनेक्शन दिलवाने में असमर्थ हैं। जलदाय विभाग ने वाटर सप्लाई के लिए 48 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर अस्पताल प्रशासन को दिया था, लेकिन यह दोनों मंत्री उस प्रस्ताव को सरकार से मंजूर करवाने में विफल रहे हैं। अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंयत्री हैं, जो पूरे देश को स्वच्छ पानी पिलाने के काम में लगे हुए हैं, लेकिन जाट के घर के ही अस्पताल में भर्ती मरीज पानी के लिए तरस रहे हंै। केन्द्रीय मंत्री की हैसियत से नहीं, तो क्या सांसद कोष से भी पानी की टंकी की मरम्मत के लिए जाट धनराशि नहीं दे सकते। अजमेर से ही राज्यसभा के सांसद भूपेन्द्र यादव भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री है। यादव के राजनीतिक रुतबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन और चार अप्रैल को बेंगलूरू में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का संचालन यादव ही कर रहे हैं। लेकिन इतनी ही शर्मनाक बात यह है कि उनके अपने शहर के अस्पताल में पीने के पानी का इंतजाम ही नहीं है। जो लोग सत्ता में रहकर अजमेर को स्मार्ट बनाने का सपना दिखा रहे हैं उन्हें कम से कम अपने शहर के अस्पताल में पीने के पानी का तो इंतजाम करवाना ही चाहिए। अस्पताल में सफाई नहीं होती, दवाएं नहीं मिलती, डॉक्टर नहीं मिलते, अस्पताल नरक बना हुआ है, इन सब समस्याओं के समाधान की बात तो छोड़ ही देनी चाहिए। जब मरीजों तक को पानी नहीं पिलाया जा सकता तो फिर स्मार्ट सिटी के ख्वाब क्यों दिखाए जा रहे है? क्या ख्वाब दिखाने वालों को शर्म नहीं आनी चाहिए?
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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