Tuesday 26 April 2016

देवनानी के प्रभारी मंत्री के पद से हटने से क्या अजमेर की राजनीति पर असर पड़ेगा?


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इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रभारी मंत्री होने के नाते वासुदेव देवनानी का अजमेर की भाजपा राजनीति में दबदबा था। देवनानी के साथ-साथ अजमेर शहर की ही दूसरी विधायक श्रीमती अनिता भदेल भी राज्यमंत्री हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री होने के नाते सरकारी बैठकों में हमेशा देवनानी को ही प्रथमिकता मिलती थी। देवनानी के प्रभारी मंत्री पद से हटने के बाद श्रीमती भदेल के समर्थक और देवनानी से ईष्या रखने वाले भाजपा के नेता खुश हो सकते हैं। लेकिन इतना तो जरूर है कि अब प्रभारी मंत्री के दर्शन अजमेर में कभी कभार ही होंगे। सरकार ने खाद्य मंत्री हेमसिंह भडाणा को अजमेर का नया प्रभारी मंत्री नियुक्त किया है। ऐसा नहीं कि अकेले देवनानी को ही प्रभारी मंत्री के पद से हटाया गया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन सभी को हटाया है जो अपने गृह जिले के प्रभारी मंत्री थे। इसमें गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी शामिल हैं। देवनानी के विरोधी भी इस बात को तो स्वीकार करेंगे कि देवनानी सहज और सरलता के साथ उपलब्ध रहते हैं। देवनानी के फॉयसागर रोड स्थित आवास पर हमेशा भीड़ लगी रही है। देवनानी लोगों से मिलने में भी कोई गुरेज नहीं करते हैं। अजमेर में उर्स मेला हो या चेटीचंड, महावीर जयंती आदि के जुलूस। सभी मौकों पर देवनानी प्रभारी मंत्री की हैसियत से प्रशासनिक बैठकें करते रहते थे। देवनानी स्कूली शिक्षा के स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं। इस वजह से भी देवनानी का आम लोगों के साथ सीधा जुड़ाव है। प्रभारी मंत्री पद से हटने के बाद अब देवनानी जिला स्तरीय प्रशासनिक बैठकों में कम ही नजर आएंगे। अब छोटे-छोटे मुद्दों पर प्रभारी मंत्री की बैठकें भी नहीं होंगी। नवनियुक्त प्रभारी मंत्री भड़ाणा को जब सुविधा होगी तभी अजमेर आएंगे। इसका खामियाजा अजमेर के लोगों को ही उठाना पड़ेगा। 
राजनीति में प्रभाव कम होगा?
प्रभारी मंत्री वजह से अजमेर जिले की राजनीति में देवनानी का दखल था। चाहे वंदना नोगिया को जिला प्रमुख बनाने का मामला हो या धर्मेन्द्र गहलोत कीमेयर के पद पर ताजपोशी। सभी में देवनानी की एक तरफा चली। अरविंद यादव भी देवनानी की वजह से अब तक शहर भाजपा के पद पर कायम हैं। माना जा रहा है कि प्रभारी मंत्री के पद से हटने के बाद अजमेर जिले की राजनीति में देवनानी का दबदबा कम होगा। वंदना नोगिया धर्मेन्द्र गहलोत, अरविंद यादव जैसे भाजपा नेताओं को अब अपने दम पर राजनीति करनी होगी। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकर सिंह लखावत, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, देहात भाजपा अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत, मसूदा की विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा, संसदीय सचिव और पुष्कर के विधायक सुरेश रावत आदि भाजपा नेता अब देवनानी को अजमेर की राजनीति में प्रभावहीन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रभारी मंत्री का पद जाने के बाद अनिता भदेल भी अब देवनानी के बराबर आ गई हंै। देखना होगा कि इन सब राजनीतिक चुनौतियों से देवनानी किस प्रकार मुकाबला करते हैं। 
(एस.पी. मित्तल)  (26-04-2016)
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