Thursday 28 April 2016

पर अजमेर में तो सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह और पवित्र मजार पर सजदा करतीं हैं महिलाएं। तो फिर मुम्बई में हाजी अली की दरगाह पर हंगामा क्यों?



--------------------------------------------
28 अप्रैल को मुम्बई के समुद्र में बनी हाजी अली की दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हंगामा हुआ। दरगाह में महिलाएं प्रवेश करें या नहीं, यह निर्णय दरगाह के ट्रस्ट को ही करना है। लेकिन अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की जो दरगाह है उसमें महिलाएं बेझिझक प्रवेश करती हैं। देशभर के मुस्लिम धर्मगुरु, विद्वान और सियासत करने वाले नेताओं का कहना है कि मुस्लिम धर्म महिलाओं को दरगाह मस्जिद आदि में प्रवेश की इजाजत नहीं देता है। इसलिए महिलाओं के अधिकारों का झंडा बुलंद करने वाली भूमाता ब्रिगेड की मुखिया तृप्ति देसाई को भी हाजीअली की दरगाह में घुसने नहीं दिया जाएगा। वहीं अजमेर की दरगाह में महिलाएं न केवल प्रवेश करती हंै बल्कि आस्ताना शरीफ में बैठकर कुरान भी पढ़ती हैं। इतना ही नहीं ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर सजदा भी करती हैं।
ऐसा नहीं कि यह सब सिर्फ मुस्लिम महिलाएं ही करती हों, यहां बिना किसी भेदभाव के हिन्दू महिलाओं को भी प्रवेश दिया जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिम बड़ी अकीदत के साथ महिला जायरीन को पवित्र मजार पर जियारत करवाते हैं। जियारत के मौके पर पुरुष जायरीन के सिर पर सूफी परंपरा के अनुरूप पगड़ी बांधी जाती है तो महिलाओं के सिर पर चुनरी ओढ़ाई जाती है। पगड़ी और चुनरी ख्वाजा साहब की मजार पर रखने के बाद जायरीन के सिर पर रखी जाती है। यहां किसी भी प्रकार से औरत और मर्द में कोई भेदभाव नहीं है। ख्वाजा साहब के सालाना उर्स के मौके पर तो महिला कव्वाल दरगाह परिसर में कव्वालियां प्रस्तुत करती हैं। हाजी अली की दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को भले ही शरीयत से जोड़ा जा रहा है, लेकिन अजमेर में महिलाओं के साथ ऐसा कोई भेदभाव नहीं है। यहां महिलाएं अपने सिर पर मखमली और फूलों की चादर रखकर पवित्र मजार पर जाती हंै। यही वजह है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में दिन भर महिला जायरीन का तांता लगा रहता है। दरगाह में भारत से ही नहीं बल्कि दुनियाभर से मुस्लिम महिलाएं आती हैं। केटरीना कैफ, विद्या बालन, प्रियंका चौपड़, बिपाशा बसु जैसी फिल्मी हिरोइन भी अपनी फिल्मों की कामयाबी के लिए ख्वाजा साहब की दरगाह में आती है। पाकिस्तान की बहुचर्चित हिरोइन वीना मलिक दरगाह में जियारत कर चुकी हैं। 
तृप्ति के सामने झुक गया था शनि शिंगणापुर मंदिर का ट्रस्ट
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी, लेकिन तृप्ति देसाई ने अपनी भू-माता ब्रिगेड के साथ मंदिर परिसर में लगी शनि महाराज की प्रतिमा की जबरन पूजा की और इस मंदिर की बरसों पुरानी पंरपरा को तोड़ दिया। तब हिन्दुओं के धर्मगुरु शनि मंदिर के ट्रस्टियों आदि सब ने कहा कि महिलाओं को प्रवेश न देना धर्म से जुड़ा हुआ मामला है, लेकिन किसी ने भी हिन्दू धर्म की परवाह नहीं की और आखिर में ट्रस्ट को भी महिलाएं को प्रवेश देने की घोषणा करनी पड़ी। उस समय तृप्ति के समर्थन में राजनीतिक दलों के नेता भी खड़े हो गए। लेकिन 28 अप्रैल को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती, जेडीयू के शरद यादव, एमआईएम के हाजी रफत हुसैन आदि ने कहा कि हाजीअली की दरगाह में महिलाओं को प्रवेश देने के मामले को तूल नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि यह धर्म से जुड़ा हुआ मामला है। यह भी कहा गया कि इससे देश में साम्प्रदायिक तनाव होगा। 
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (28-04-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment