Sunday 24 April 2016

अंजुमन यादगार ने किया अधिकारियों एवं मीडिया कर्मियों का इस्तकबाल।



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अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा साहब के 804वें सालाना उर्स के शांतिपूर्ण सम्पन्न हो जाने पर 24 अप्रैल को खादिमों की संस्था अंजुमन यादगार चिश्तियां शेख जादगान की ओर से दरगाह के निकट यादगार गेस्ट हाउस में एक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में अधिकारियों और मीडिया कर्मियों का इस्तकबाल किया गया। समारोह में उर्स मेले के अतिरिक्त मेला मजिस्ट्रेट राधेश्याम मीणा ने कहा जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक के नेतृत्व में प्रशासन ने मेले के इंतजामों में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वयं उन्होंने उर्स के दौरान लगातार 18 घंटे की ड्यूटी दी। प्रशासन के इंतजामों और ख्वाजा साहब के करम से मेले में कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई। वहीं दरगाह थाने के इंस्पेक्टर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि एसपी डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन, एएसपी अवनीश शर्मा, दरागह क्षेत्र के एएसपी दिलीप सैनी आदि ने रात और दिन मेहनत की ताकि उर्स में आने वाले जायरीन को सुरक्षित रखा जा सके। 
समारोह में मैंने कहा कि सरकार और प्रशासन अपने नजरिए से इंतजाम करते हैं, लेकिन उर्स तो ख्वाजा साहब के करम से ही सम्पन्न होता है। इसलिए प्रशासनिक अमला उर्स शुरू होने से पहले पवित्र मजार पर उम्मीद की चादर बाद में शुक्राने की चादर पेश करता है। दरगाह क्षेत्र में जायरीन को और सुविधाएं मिलनी चाहिए इसके लिए खादिम समुदाय को ही पहल करनी होगी। समारोह में पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर ने कहा कि कायड़ विश्राम स्थली से दरगाह तक जायरीन को लाने, ले जाने की व्यवस्था को और सुविधाजनक बनने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पुष्कररोड स्थित पुरानी विश्राम स्थली पर सीमित मात्रा में जायरीन को ठहराया जा सकता है। समारोह में अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा कि दरगाह से जुड़े प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल की जरुरत है। समारोह में अंजुमन शेख जादगान के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद आरिफ चिश्ती, सचिव हफीर्जुररहमान चिश्ती, कनवीनर अजमद हुसैन चिश्ती आदि ने अधिकारियों और मीडिया कर्मियों की दस्तारबंदी की। इस अवसर पर अंजुमन के प्रतिनिधियों ने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह के सामने से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचालन, महावीर जयंती, चेटीचंड, रामनवमी आदि के जुलूस निकलते हैं, तब दरगाह के प्रतिनिधि पुष्प वर्षा करते हैं। ख्वाजा साहब ने सूफीवाद का जो संदेश दिया, उसे अजमेर में निभाया जाता है। कार्यक्रम दरगाह के अतिरिक्त नाजिम हाजी मोहम्मद सिद्दीक, नवाब हिदायतउल्ला, आरिफ कुरैशी, धर्मेन्द्र प्रजापति, हाजी सरवर सिद्दीकी, आमन खान, शेखजादा जुल्फिकार, रईस खान, एम.अली, शफकत सुलतान्री, नजीर कादरी, पी.के.श्रीवास्तव, राजस्थान परिवहन निगम के मुख्य प्रबंधक तेजकरण टांक आदि मौजूद थे। 
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-04-2016)
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