Tuesday 19 April 2016

आईपीएल मैचों के लिए जयपुर में बहाया जाएगा लाखों गैलन पानी!



तो फिर अजमेर का हक मार कर बीसलपुर से क्यों दिया जाए पानी?
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मुम्बई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में खासकर लातूर में पानी की किल्लत को देखते हुए आईपीएल के अनेक मैच मुम्बई में करवाने पर रोक लगा दी। इसलिए अब आईपीएल के तीन मैच राजस्थान के जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में होंगे। यह तीन मैच 27 दिन की अवधि में होंगे, इसलिए स्टेडियम के क्रिकेट मैदान को मैच के अनुकूल बनाए रखने के लिए लाखों गैलन पानी बहाना पड़ेगा। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में मैच करने पर सहमति दे दी है। यह बात अलग है कि राजस्थान में महाराष्ट्र से भी ज्यदा पेयजल की हालत खराब है। मैं सम्पूर्ण राजस्थान की बात नहीं कर रहा, सिर्फ एक मुद्दे की बात लिख रहा हंू। सब जानते हैं कि अजमेर के नागरिकों की प्यास बुझाने के लिए बनास नदी को रोक कर टोंक जिले के बीसलपुर गांव में बांध का निर्माण किया गया था। आज अजमेर जिले की सम्पूर्ण आबादी बीसलपुर बांध के पानी पर ही निर्भर है। इसलिए बीसलपुर बांध को अजमेर की लाइफ लाइन कहा जाता है। अजमेर के लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दखल की वजह से बीसलपुर बांध से जयपुर में भी पानी दिया जा रहा है। जलदाय विभाग के इंजीनियरों के अनुसार अजमेर जिले में रोजाना तीन सौ एमएलडी पानी सप्लाई होता है। जबकि जयपुर को करीब पांच सौ एमएलडी पानी बीसलपुर बांध से दिया जा रहा है। यानि अजमेर के लोगों को प्यासा मार कर जयपुर की प्यास बुझाई जा रही है। अब सवाल उठता है कि जब आईपीएल मैचों के लिए लाखों गैलन पानी बहाया जाएगा तो फिर अजमेर का हक मार कर जयपुर को बीसलपुर बांध से पानी की सप्लाई क्यों की जा रही है?
क्या बीलसपुर बांध का पानी आईपीएल के मैच करवाने के लिए है? बीसलपुर बांध से जयपुर के एसएमएस स्टेडियम की दूरी कोई 150 सौ किमी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी परिवहन पर कितना खर्चा आएगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को यह पता नहीं होगा कि अजमेर शहर के अधिकांश इलाके में आज भी दो दिन में एक बार पानी की सप्लाई होती है। यह सप्लाई भी कम पे्रशर से मात्र एक घंटे के लिए हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो 4-5 दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई होती है। मुझे पता है कि अजमेर के भाजपा के किसी भी नेता में इतनी हिम्मत नहीं कि वह अजमेर के नागरिकों के दर्द के बारे में मुख्यमंत्री को बता सके। जनता के वोट से भाजपा के नेता सत्ता की मलाई तो खा रहे हैं, लेकिन जनता की पीड़ा की इन नेताओं को कोई चिंता नहीं है। विरोध जयपुर का नहीं है, बल्कि अजमेर की मांग के अनुरूप पानी नहीं मिलने का है। देश के जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट अजमेर से ही सांसद हैं, लेकिन जाट में भी इतनी ताकत नहीं कि वे अजमेर पेयजल की समस्या को मुख्यमंत्री के सामने रख सके। 

नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (19-04-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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