Monday 4 April 2016

आखिर सर्राफा व्यापारियों ने करा ही दिया अजमेर बंद।


एक प्रतिशत सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के विरोध में 4 अप्रैल को देशव्यापी बंद के दौरान सर्राफा व्यापारियों ने आखिर अजमेर को भी बंद करवा ही दिया। सोने-चांदी के जेवरातों के कारीगर सुनार सुबह से ही दुपहिया वाहनों और खुली जीप में सवार होकर इधर-उधर घूमते नजर आए। युवाओं ने जो माहौल बनाया। उससे अजमेर बंद पूरी तरह सफल रहा। कमोबेश यही हालात प्रदेश और देश के रहे। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इस बंद का केन्द्र की भाजपा सरकार पर कितना असर होगा। सर्राफा व्यापारी गत एक माह से बेमियादी हड़ताल पर है, लेकिन सरकार के कानों पर जंू तक नहीं रेंगी है। 
इस अवधि में कई बार केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का पुतला भी जलाया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार रोक बैक नहीं होगा। सर्राफा व्यासायी एक माह क्या एक वर्ष तक भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखें, तब भी एक्साइज ड्यूटी लागू रहेगी। चूंकि एक्साइज ड्यूटी एक अप्रैल से लागू हो गई है इसलिए सर्राफा व्यापारियों की जांच पड़ताल का काम भी शुरू हो जाएगा। भले ही व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर रखे हो। देशव्यापी बंद की जानकारी केन्द्र सरकार को भी है, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने समझौते के कोई संकेत नहीं दिए हैं। अब देखना है कि बंद के बाद सर्राफा व्यापारी विरोध का कौनसा तरीका अख्तियार करते हैं। 
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(एस.पी. मित्तल)  (04-04-2016)
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