Wednesday 3 June 2015

मजाक बन रही है अजमेर नगर निगम की साधारण सभा भाजपा और कांग्रेस के पार्षद मिलकर कर रहे हैं हंगामा

पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम वसुंधरा राजे जिस अजमेर शहर को स्मार्ट बना रहे है, उसी शहर की नगर निगम की साधारण सभा मजाक बनकर रह गई है। कायदे से साधारण सभा में आम जनता के हित में निर्णय होने चाहिए और जिन कामों में अफसरशाही अड़ंगें लगाती है, उन्हें साधारण सभा में मंजूर करवाने का दायित्व पार्षदों का हैं, लेकिन 2 और 3 जून को हुई साधारण सभा में आम जनता के हित के बजाय पार्षदों का स्वार्थ ही उभरकर सामने आया है। गंभीर बात तो यह रही कि मेयर कमल बाकोलिया प्रभावी भूमिका नहीं निभा पाए। बाकोलिया के मेयर के कार्यकाल की यह आखिरी साधारण सभा है इसलिए इस सभा को बाकोलिया कई दिन तक चलाना चाहते है। थोड़ा सा हंगामा होने पर बाकोलिया साधारण सभा को स्थगित कर देते है। 3 जून को भी बाकोलिया ने सभा को 4 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है। लगातार दो दिन साधारण सभा में कोई निर्णय नहीं होने के बाद 4 जून को फिर सभा बुलाई गई है। हो सकता है कि बाकोलिया मात्र 15 प्रस्तावों वाली इस सभा को पूरे सप्ताह तक चलाए। हालांकि बाकोलिया कांग्रेस के है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि साधारण सभा में भाजपा पार्षद भी कांग्रेस से मिले हुए है। 3 जून को सभा कोई 3 घंटे चली, लेकिन पूरा समय हंगामें में गुजर गया। अधिशाषी अभियंता राजीव गर्ग को रिलीव करने का दबाव दोनों दलों के पार्षद बनाते रहे। इसी प्रकार एलईडी लाइट के एमओयू को हिन्दी में प्रस्तुत करने को लेकर भी हंगामा मचता रहा। पार्षदों का कहना रहा कि अंग्रेजी में एमओयू होने की वजह से यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि क्या लिखा है। इसे अजमेर का दुर्भाग्य कहा जाएगा कि 55 निर्वाचित पार्षदों में से एक भी ऐसा नहीं है जो अंग्रेजी पढ़ सके। हालांकि सभा में एच गुइटे ने कहा कि वे अंग्रेजी में पढ़कर सुना देते है लेकिन पार्षदों ने कहा कि हमें अंग्रेजी समझ में नहीं आती है। इसके साथ ही लगातार दूसरे दिन भी सभा को स्थगित कर दिया गया। अब 4 जून को जब सभा होगी तब एमओयू हिन्दी में दिया जाएगा। इंजीनियर गर्ग को रिलीव करने को लेकर भाजपा पार्षद भी हंगामा करते रहे, जबकि अजमेर में भाजपा के दोनों विधायक मंत्री है और भाजपा पार्षद चाहे तो गर्ग का तबादला भी करवा सकते है, लेकिन ऐसा करने की बजाय साधारण सभा में शोर मचाया जा रहा है। भाजपा के तेजतर्रार नेता धर्मेन्द्र गहलोत जब मेयर थे तब भी कुछ समय के लिए राजीव गर्ग की नियुक्ति अजमेर निगम में की गई थी। तब साधारण सभा का समय खराब करने के बजाय गहलोत ने राजीव गर्ग के ऐसा थप्पड़ मारा कि वह स्वयं ही निगम को छोड़कर चले गए।
सीईओ को स्कूटर चलाना भारी पड़ा :
निगम के सीईओ एच.गुइटे को स्कूटर चलाना भारी पड़ गया। 2 जून को गुइटे वैशाली नगर क्षेत्र में स्कूटर से गिर गए थे। 3 जून को जब गुइटे ने अपने हाथ का एक्सरे करवाया तो पता चला कि फे्रक्चर हो गया है। अब चिकित्सकों ने गुइटे के हाथ पर पक्का पट्टा चढ़ा दिया है। 3 जून की साधारण सभा में पार्षदों ने गुइटे को सलाह दी कि वे निगम के कार्य के लिए स्कूटर के बजाय स्कॉर्पियो वाहन का उपयोग करें। इस पर अपने हाथ के फ्रेक्चर की परवाह नहीं करते हुए गुइटे ने कहा कि वे अवैध निर्माण, सफाई व्यवस्था आदि की जांच का काम स्कूटर पर ही करेंगे ताकि हकीकत का पता चल सके। असल में पार्षदों ने किसी हमदर्दी की वजह से गुइटे को स्कॉर्पियो वाहन में चलने की सलाह नहीं दी बल्कि कोई भी पार्षद यह नहीं चाहता कि सीईओ गली-मौहल्लों में जाकर जांच खासकर सफाई का काम देखे। गुइटे पार्षदों से पहले ही कह चुके है कि यदि काम करने की शैली पंसद नहीं आ रही तो उनका तबादला करवा दिया जाए। फिलहाल तो गुइटे में उत्साह ही नजर आ रहा है, लेकिन यह देखना होगा कि पार्षदों के बीच गुइटे का यह उत्साह कब तक बना रहता है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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