Thursday 4 June 2015

क्या सरकार की नजर में अजमेर के पार्षद भ्रष्ट हैं ?

राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव और सीएम वसुंधरा राजे के विश्वास पात्र अधिकारी मंजीतसिंह ने कहा है कि उन्हें सब पता है कि अजमेर के पार्षद साधारण सभा में हंगामा क्यों मचाते हैं। 4 जून को स्मार्ट सिटी की बैठक में भाग लेने आए सिंह से जब पत्रकारों ने साधारण सभा में पार्षदों के हंगामे के बारे में सवाल किया तो उन्होंने दोनों हाथों से नोट गिनने के अंदाज में कहा कि मुझे सब पता है कि पार्षदों को क्या चाहिए? चाहे एलईडी लाइट के अनुबंध का मामला हो अथवा सफाई ठेके का, मुझसे कोई भी बात छिपी नहीं है। मंजीत सिंह के इस अंदाज का प्रतिकार करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक नवज्योति के प्रतिनिधि संजय माथुर ने कहा कि यही बात अजमेर के पार्षद आपके लिए करते हैं। एक बार आप सफाई ठेके को निरस्त करने का आदेश देते है तो थोड़े ही दिन में उसी ठेकेदार के ठेके की अवधि को बढ़ा देते है। माथुर ने अपने ही अंदाज में कहा कि अजमेर के पत्रकारों को यह समझ में नहीं आता कि पार्षद या प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह में से कौन ईमानदार है। जिस समय इस ईमानदारी को लेकर वाद-विवाद हुआ उस समय संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर, जिला कलेक्टर आरूषि मलिक आदि बड़े अधिकारी भी उपस्थित थे। मंजीत सिंह अजमेर के पार्षदों से कितने खफा है, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि अधिशाषी अभियंता राजीव गर्ग को रिलीव करने के मुद्दें पर उन्होंने कहा कि साधारण सभाओं में अधिकारियों को रिलीव करने के प्रस्ताव स्वीकृत होते रहते हैं। किस अधिकारी को कहा नियुक्त करना है यह सरकार का काम है। असल में गत् दो और तीन जून को गर्ग को रिलीव करने और एलईडी लाइट के अनुबंध के हिन्दी अनुवाद को लेकर पार्षदों ने साधारण सभा में हंगामा किया था। इस पर ही मंजीतसिंह ने पार्षदों की ईमानदारी पर सवाल उठाया।
मंजीत सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव :
नगर निगम की साधारण सभा के इतिहास में 4 जून को यह पहला अवसर रहा जब सरकार के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया। पार्षदों ने मंजीत सिंह के उस बयान पर नाराजगी जताई जिसमें पार्षदों की ईमानदारी पर शक किया गया। पार्षदों ने कहा कि मंजीत सिंह ने एक तरह से अजमेर के पार्षदों को भ्रष्ट कह दिया है। मजे की बात यह है कि इस निंदा प्रस्ताव का समर्थन सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षदों ने किया। अपनी ही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करना भाजपा पार्षदों का महत्वपूर्ण कदम है। देखना है कि सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी अपने पार्षदों के रवैये पर क्या रूख अपनाते है।
भाजपा पार्षदों की भूमिका पर नजर :
वहीं शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव ने बताया कि साधारण सभा में भाजपा पार्षदों के आचरण को देखने के लिए महामंत्री जयकिशन पारवानी को पर्यवेक्षक नियुक्त कर रखा है। पारवानी जो रिपोर्ट देंगे उसके अनुरुप पार्षदों को लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी। यादव ने कहा कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो फिर भाजपा के पार्षदों को सरकार की नीति के अनुरुप भूमिका करनी चाहिए। पार्षदों की यह जिम्मेदारी है कि वे ऐसा कोई कृत्य नहीं करे जिस की वजह से अपनी ही सरकार की छवि खराब होती हो। अधिकारी वर्ग सरकार की नीतियों के अनुरुप ही काम करता है। यदि किसी पार्षद को किसी अधिकारी की कार्यशैली पर ऐतराज है तो उसे संगठन स्तर पर बात रखनी चाहिए।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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