Tuesday 16 June 2015

मित्तल अस्पताल से बड़ा होगा क्षेत्रपाल अस्पताल

अजमेर के पंचशील नगर में शुरू होने वाला क्षेत्रपाल अस्पताल पुष्कर रोड पर चल रहे मित्तल अस्पताल से भी बड़ा होगा। मित्तल अस्पताल में जहां 100 से 150 मरीजों के भर्ती होने की सुविधा है, वहीं क्षेत्रपाल के अस्पताल में एक साथ 200 मरीज भर्ती रह सकेंगे। इसके साथ ही हीपाफिल्टर व लेमिनार एयर फ्लो युक्त पांच अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, क्रास इंफेक्शन रोकने के लिए फिल्टर्ड फ्रेश एयर युक्त 50 आईसीयू पलंग जैसी सुविधाएं पहली बार अजमेर शहर में उपलब्ध करवाई जा रही है। क्षेत्रपाल के अस्पताल के जुलाई माह में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए अस्पताल के मालिक और सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ. रमेश क्षेत्रपाल रात-दिन मेहनत कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि निजी क्षेत्र में मित्तल अस्पताल ने चिकित्सा सुविधाओं का पहली बार अजमेर में विस्तार किया। अब इसी विस्तार को क्षेत्रपाल का अस्पताल और बढ़ा रहा है। अजमेर और आसपास के जिले के लोगों को अब आधुनिक सुविधाओं के अस्पताल का एक ओर विकल्प मिल गया है। पांच मंजिला इस अस्पताल में पांच से भी ज्यादा लिफ्ट का प्रावधान किया गया है। ताकि मरीज आसानी से एक दूसरी मंजिल पर जा सके। अस्पताल की प्रयोगशाला पूरी तरह पारदर्शी बनाई गई है। मरीज और उसके रिश्तेदार यह देख सकेंगे  कि रक्त, मूत्र आदि की जांच किस प्रकार से होती है। अस्पताल के स्वागत कक्ष के पास ही एक मिलन सार और सदव्यवहारी जनसम्पर्क अधिकारी को भी बैठाया जाएगा जो आने वाले लोगों की सुविधा का ख्याल रखेगा। अस्पताल के मालिक डॉ. क्षेत्रपाल का कहना है कि अस्पताल में आने वाले मरीज ही नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों के साथ भी अस्पताल का प्रबंधन मधुर व्यवहार रखेगा। अस्पताल में सभी रोगों का इलाज विशेषज्ञों द्वारा हो सके, इसके लिए देश के प्रमुख चिकित्सकों से सम्पर्क कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर, मुम्बई आदि बड़े महानगरों से भी विशेषज्ञ अजमेर आने लगे हैं। अस्पताल के विस्तार के अगले चरण में नर्सिंग कॉलेज खोलने की भी योजना है। अस्पताल में सरकार के चिकित्सा नियमों के सभी मापदंड पूरे किए जा रहे हैं। इन दिनों अस्पताल में कार्मिकों की भर्ती का काम तेजी से हो रहा है। नियुक्त होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को सम्मानजनक वेतन भी दिया जा रहा है। डॉ. क्षेत्रपाल का प्रयास है कि चिकित्सा क्षेत्र के अनुभवी कर्मचारियों का ही चयन हो, इसके लिए वे स्वयं इंटरव्यू ले रहे हैं।
रखनी होगी सेवा की भावना
नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. रमेश क्षेत्रपाल ने जो भी प्रसिद्ध पाई है, उसमें अजमेर के नागरिकों का भी योगदान है। कचहरी रोड पर चल रहे डॉ. क्षेत्रपाल नेत्र चिकित्सालय में इलाज करवाने के लिए प्रदेशभर से रोगी आते हैं। कचहरी रोड के अस्पताल के माध्यम से ही डॉ. क्षेत्रपाल ने जो आय अर्जित की, उसी के कारण पंचशील में बड़ा अस्पताल बनाया गया है। ऐसे में डॉ. रमेश क्षेत्रपाल का भी यह दायित्व है कि वे अस्पताल का संचालन सेवा की भावना से करें। यह माना कि इतने बड़े अस्पताल को चलाने के लिए धन की जरुरत होगी, लेकिन डॉ. क्षेत्रपाल को लूट खसोट से बचना होगा। आमतौर पर यह माना जाता है कि प्राइवेट अस्पतालों में लूट खसोट होती है। मरे हुए मरीज को वेंटीलेटर पर डालकर हजारों रुपए की बेवजह वसूली की जाती है। आवश्यकता नहीं होने पर भी मरीज को वेंटीलेटर पर रख दिया जाता है। शर्मनाक बात तो यह होती है कि भर्ती मरीज से उसके रिश्तेदारों तक को नहीं मिलने दिया जाता है। मरीज को भर्ती तो मुख्यद्वार से किया जाता है, लेकिन जब उसकी मौत हो जाती है तो उसे पीछे के दरवाजे से चुपचाप एम्बुलैंस में डालकर घर भिजवा दिया जाता है। अस्पताल में मरीजों के परिजन से दुव्र्यवहार तक किया जाता है। प्राइवेट अस्पताल के मालिकों को इतनी भी शर्म नहीं है कि जब हजारों रुपए वसूले जा रहे हैं तो मरीज के रिश्तेदारों के साथ व्यवहार तो अच्छा किया जाए। उम्मीद है कि डॉ. रमेश क्षेत्रपाल इन सब बुराइयों से बचेंगे। अब जब प्रतिस्पद्र्धा का दौर चल रहा है, तो प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधकों को भी अपने व्यवहार में सुधार करना पड़ेगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment