Monday 15 June 2015

तो हो सकती है मेरिट घोटाले की जांच एसओजी से। भास्कर ने कहा शिक्षा बोर्ड कर रहा है गंभीरता से विचार

13 जून को सोशल मीडिया पर पोस्ट हुए मेरे ब्लॉग में राज्य सरकार को सुझाव दिया गया था कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा की मेरिट में जो घोटाला हुआ है,उसकी जांच स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) जैसी एजेंसी से करवाई जावे। मेरे इस सुझाव को राज्य सरकार और शिक्षा बोर्ड प्रबंधन ने गंभीरता के साथ लिया। बोर्ड प्रबंधन और सरकार प्राथमिक तौर पर इस बात से सहमत है कि इस घोटाले की जांच एसओजी से ही करवाई जावे। मेरे ब्लॉग के बाद सरकार और बोर्ड प्रबंधन में जो विचार मंथन हुआ, उसकी खबर देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण में 15 जून को प्रकाशित हुई है। कोई 6 कॉलम की अंतिम पृष्ठ पर प्रकाशित खबर में कहा गया है कि मेरिट घोटाले की जांच एसओजी से कराने पर गंभीरता के साथ विचार हो रहा है। हो सकता है कि अगले 3-4 दिनों में ही घोटाले की जांच किसी भी एजेंसी से कराने का फैसला कर लिया जाए। एक पत्रकार होने के नाते मुझे इस बात का संतोष है कि सोशल मीडिया के माध्यम से मैंने जो सुझाव दिया, उस पर सरकार ने गंभीरता के साथ विचार तो किया ही है। यह उन लोगों के लिए भी संतोष की बात है जो सोशल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने मजबूत देखना चाहते हैं। इससे सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाली खबरों की गंभीरता भी प्रदर्शित होती है।
वहीं दूसरी ओर 15 जून  को भी शिक्षा बोर्ड के मुख्यालय पर मेरिट घोटाले को लेकर हलचल रही। सवाई माधोपुर के गंगापुरसिटी, झुंझुनूं, हिंडौन सिटी आदि शहरों में शिक्षा बोर्ड की टीमों ने मौके पर जाकर जो जांच पड़ताल की उसकी रिपोर्ट बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव को दी गई है। इन रिपोर्टों में कुछ खास पब्लिक स्कूलों के परीक्षा केन्द्रों को लेकर आशंकाएं व्यक्त की गई हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण मामला गंगापुरसिटी के क्रिएटिव पब्लिक स्कूल का है। इस स्कूल के 17 विद्यार्थी दसवीं के मेरिट में आए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक बोर्ड के मापदंडों का उल्लंघन करते हुए क्रिएटिव पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केन्द्र भगवती बालिका स्कूल में निर्धारित किया गया। इस परीक्षा केन्द्र पर ही सवाई माधोपुर के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी देवीलाल मीणा के बेटे दीपक मीणा ने भी परीक्षा दी और दीपक को मेरिट में तीसरा स्थान हासिल हुआ। जिस भगवती स्कूल में दीपक मीणा ने परीक्षा दी। उसी स्कूल के लिए गठित आकस्मिक जांच दल के प्रभारी दीपक मीणा के पिता देवीलाल मीणा ही थे। मेरिट में प्रथम स्थान हासिल करने वाली एकता अग्रवाल ने भी कहा है कि दीपक मीणा के पास बार-बार स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक आ रहे थे। रिपोर्ट में नकल की आशंका व्यक्त की गई है। क्रिएटिव पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने अपने विद्यार्थियों को सत्रांक भी जमकर लुटाए। गंगापुरसिटी, झुंझुनूं, हिंडौनसिटी आदि की प्राप्त रिपोर्टों में भी कहा गया है कि मामले की जांच गहनता से किए जाने की जरुरत है। शिक्षा बोर्ड को भी इस बात की आशंका है कि प्रदेश के सीकर, सवाई माधोपुर, झुंझुनूं, दौसा, भरतपुर आदि जिलों में शिक्षा माफिया सक्रिय हैं। यह माफिया अपने स्कूल का परीक्षा केन्द्र अपनी मर्जी से निर्धारित करवाता है और फिर संबंधित परीक्षा केन्द्र पर दसवीं और 12वीं के विद्यार्थी सुविधाजनक परिस्थितियों में प्रश्नों के उत्तर लिखते हैं। इस माफिया की घुसपैठ शिक्षा बोर्ड के उन शिक्षकों तक है, जो उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन करते हंै। गंभीर बात तो यह है कि माफिया से जुड़े लोगों के पास उन शिक्षकों के नाम पते होते है, जो प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार और शिक्षा बोर्ड प्रबंधन मेरिट घोटाले की जांच एसओजी जैसी एजेंसी से करवाना चाहता है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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