Tuesday 16 June 2015

अजमेर में शुरू हुई बेईमानी की रोशनी।

पहली किरण का आनंद लिया राज्यमंत्री अनीता भदेल ने। देवनानी बचे
पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर स्मार्ट बनने वाले अजमेर शहर में 16 जून से बेईमानी की रोशनी का काम शुरू हो गया है। बेईमानी की रोशनी की पहली किरण का आनंद दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक व प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने अपने क्षेत्र के वार्ड में लिया, जबकि उत्तर क्षेत्र के विधायक और शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी बड़ी चतुराई से बेईमानी की रोशनी का आनंद लेने से बच गए। बिजली की बचत के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश के 17 प्रमुख शहरों में सोडियम लाइट की जगह एलईडी लाइट लगाने का कार्य दिल्ली की एक कंपनी को दिया है। अजमेर और अलवर दो ऐसे शहर हैं, जहां पहले से ही सीएफएल लाइटें लगी हुई हैं। लेकिन इसके बावजूद भी राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग में बैठे बेईमान और भ्रष्ट अधिकारियों ने अजमेर में भी सोडियम लाइट लगी होने को लेकर ही कंपनी के साथ अनुबंध किया है। यह सही है कि सोडियम लाइट की जगह एलईडी लगाने से बिजली की बचत होगी, लेकिन यह नियम अजमेर और अलवर पर लागू नहीं होता क्योंकि यहां पहले से ही सीएफएल लाइटें लगी हुई हैं। सीएफएल के स्थान पर एलईडी लाइटें लगाने से बिजली की बचत नहीं होगी। सीएम वसुंधरा राजे के शासन में ही ऐसा घोर भ्रष्टाचार हो सकता है, जब अधिकारी यह माने की अजमेर में भी सोडियम लाइटें लगी हुई हैं। बेईमान अधिकारियों से यह पूछने वाला कोई नहीं है कि जब सीएफएल लगी है तो फिर एलईडी क्यों लगवाई जा रही हंै? दिल्ली की कंपनी को एलईडी लाइट लगाने के साथ-साथ रख रखाव का काम भी दिया गया है। अकेले अजमेर में रख रखाव के आठ लाख रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। शहर में कितने बिजली के खम्बे लगे हुए हैं, इसका रिकॉर्ड नगर निगम के पास नहीं है, लेकिन सरकार ने जो अनुबंध किया है, इसमें 32 हजार माने हैं। कंपनी को बिजली की बचत के हिसाब से ही मोटी रकम का भुगतान अलग से किया जाएगा। अनुबंध में यह माना गया है कि सोडियम लाइट पर 250 वॉट बिजली खर्च होती है, जबकि एलईडी में 90 से 120 वॉट बिजली ही खर्च होती है। यानी कंपनी को पचास प्रतिशत बिजली की बचत करने के भी पैसे दिए जाएंगे। इस बेईमानी की रोशनी की पहली किरण का आनंद 16 जून को अनिता भदेल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से शुरुआत कर लिया। ऐसी ही शुरुआत वासुदेव देवनानी को भी अपने क्षेत्र में करनी थी, लेकिन देवनानी बड़ी चतुराई से जयपुर से अजमेर आए ही नहीं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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