Wednesday 3 June 2015

मेट्रो ऑन ट्रेक पर लखावत-देवनानी साथ-साथ

प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत भले ही अपने गृह जिले अजमेर किसी समारोह में एक साथ नजर न आएं, लेकिन तीन जून को जयपुर मेट्रो ऑन ट्रेक के समारोह में दोनों एक साथ नजर आए। हालांकि सीएम वसुंधरा राजे ने मेट्रो का हरी झंडी दिखाई, लेकिन लखावत भी सीएम के साथ ही खड़े थे। मेट्रो और सीएम के समारोह में लखावत और देवनानी की उपस्थिति राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय है, क्योंकि इन दोनों का ही मेट्रो के संचालन से कोई सरोकार नहीं है। देवनानी शिक्षा विभाग को देखते हैं तो लखावत पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों अथवा स्थलों का विकास करते हैं। ऐसे में सीएम के समारोह में दोनों की एक साथ उपस्थिति के अनेक मायने हैं। असल में सीएम वसुंधरा राजे के समारोह में कोई मंत्री अपनी मर्जी से उपस्थित नहीं हो सकता है। यदि कोई सरकारी विभाग सीएम को अपने कार्यक्रम में बुलाता है तो उसे यह भी बताना होता है कि कौन-कौन से मंत्री आमंत्रित हैं। कई बार अपनी उपस्थिति वाले समारोह में सीएम मंत्रियों के नाम भी कटवा देती हैं। तीन जून वाले समारोह में तो मेट्रो का संचालन करने वाले नगरीय विकास विभाग की इतनी हिम्मत ही नहीं कि जयपुर में ही होने वाले समारोह में लखावत और देवनानी को अपने स्तर पर आमंत्रित कर ले। माना जा रहा है कि लखावत और देवनानी को सीएम सचिवालय से ही निमंत्रण मिला, इसलिए दोनों पहुंच गए। हरी झंडी दिखाते समय सीएम के साथ जिस तरह लखावत नजर आए, उससे प्रतीत होता लखावत के मान सम्मान में बढ़ोत्तरी हुई है। जहां तक देवनानी का सवाल है तो इन दिनों वे भी सीएम राजे के भरोसेमंद मंत्री होते जा रहे हैं।
यूं तो उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ भी जयपुर से ही विधायक हंै,लेकिन सीएम के कार्यक्रम में सराफ की जगह देवनानी की उपस्थिति चौंकाने वाली है। अटकलें हैं कि देवनानी को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा का प्रभार भी मिल सकता है। यदि सीएम राजे अजमेर के हित में औंकार सिंह लखावत, वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री व सांसद सांवरलाल जाट तथा राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव को एक जाजम पर बैठा दें तो अच्छा रहेगा। इन सभी नेताओं में एका नहीं होने की वजह से अजमेर को भारी नुकसान हो रहा है। सीएम राजे के अलावा और कोई नेता नहीं है जो इन्हें एक साथ बैठा सके।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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