Thursday, 4 May 2017

#2534
अजमेर की लोक अदालत को ही मदद की दरकार। कलेक्टर, एडीए, निगम को नोटिस। 
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आम तौर पर समस्याओं से निजात पाने के लिए पीडि़त लोग अदालत की शरण में जाते हैं। लेकिन अजमेर की स्थायी लोक अदालत को स्वयं को ही मदद की दरकार हैं। इस अदालत से जुड़े वकील अरविन्द मीणा और प्रेम सिंह जोनवाल ने एडवोकेट विवेक पाराशर के जरिए इसी अदालत में एक वाद दायर किया है। इस वाद में कहा गया है कि स्थायी लोक अदालत इस समय जिला न्यायालय के सामने संयोगिता नगर में चल रही है। यह भवन अजमेर विकास प्राधिकरण ने उपलब्ध करवाया है, लेकिन अदालत के भवन तक जाने का कोई सुगम रास्ता नहीं है। ऊबड़-खाबड़ मार्ग से होकर ही अदालत तक जाना पड़ता है। इसी परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का संचालन भी होता है। यहां आने वाले पीडि़त लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाद की गंभीरता को देखते हुए अध्यक्ष चन्द्रभान गुप्ता, सदस्य देवानंद माथुर और श्रीमती कमला ने जिला कलेक्टर, प्राधिकरण के आयुक्त, नगर निगम के आयुक्त तथा पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता को नोटिस जारी किए हैं। अब इस मामले में 10 मई को सुनवाई होगी।
एस.पी.मित्तल) (04-05-17)
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