Saturday 20 December 2014

राजावत ने किया राजनीतिक का असली चेहरा उजागर


राजावत ने किया राजनीतिक का असली चेहरा उजागर
कोटा के भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल की दादागिरी का मामला अभी शांति भी नहीं हुआ था कि कोटा जिले के एक ओर भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत की गुंंडागर्दी का मामला सामने आ गया। गंभीर बात यह है कि राजावत ने राजनीतिक के घिनौने चेहरे को उजागर किया है। जिस प्रकार गुंजल की दादागिरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उसी प्रकार राजावत का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। माना जा रहा है कि राजावत के वीडियो को वायरल करने में गुंजल के समर्थकों की भूमिका है। इससे पहले जब गुंजल का गाल-गलौज वाला ऑडियो वायरल हुआ था, तब गुंजल के समर्थकों ने राजावत पर संदेह व्यक्त किया था। राजावत का वीडियो गत चुनावों का है। इस वीडियो में राजावत ने अपने निर्वाचन क्षेत्र लाड़पुरा की एक बस्ती के लोगों से कहा कि यदि उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया तो उन्हें बेघर कर दिया जाएगा। शर्मनाक बात तो यह है कि अपने इस वीडियो पर मोहर लगाते हुए राजावत ने कहा कि जब हम अवैध रूप से बनी बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं तो हमें ऐसे लोगों के वोट का भी अधिकार है। यदि मैं नहीं होता तो गत कांग्रेस के शासन में पूरी बस्ती उजड़ जाती। उन्होंने कहा कि राजनीति में वोट की खातिर सारे तौर तरीके अपनाए जाते हैं। यदि मैंने वोट की खातिर अवैध रूप से रह रहे लोगों को धमकाया है तो उसमें कोई गलत बात नहीं है। इसे ही तो राजनीतिक कहा जाता है। राजावत ने जिस साफगोई के साथ अपना बयान दिया उससे साफ जाहिर है कि लोकतंत्र में राजनीति बहुत ही घटिया स्तर की हो गई है। जब राजावत वोट की खातिर गलत काम कर सकते हैं तो फिर प्रहलाद गुंजल का कोई अपराध नहीं बनता है। गुंजल ने जब कोटा के सीएमएचओ डॉ. आर.एन.यादव के साथ गाली गलौज की तब यही कहा था कि मेरे कार्यकर्ताओं के काम  नहीं हो रहे हैं। यानि गुंजल भी वोट की खातिर ही डॉक्टर यादव को धमका रहे थे। राजावत का वीडियो और सफाई वाला बयान इस समय पर आया है, जब राजस्थान भाजपा पहले से ही गुंजल के मामले में उलझी हुई है। गुंजल के मामले को दबाने की भरसक कोशिश की जा रही है। लेकिन अब भाजपा और सरकार के सामने राजावत ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। राजावत के बयान से यह भी जाहिर होता है कि भाजपा में वोट हथियाने के लिए कौन-कौने से हथकंडे अपनाए। यदि कोई विधायक डारा-धमका कर वोट हासिल कर रहा है। ऐसे विधायक को तत्काल अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। असल में कोटा के भाजपा विधायकों में जो आपसी जंग छिड़ी हुई है उसी का नतीजा है कि गुंजल व राजावत के ऑडियो-वीडियो उजागर हो रहे हैं। आने वाले दिनों में भाजपा के और विधायक एवं नेताओं के वीडियो उजागर हो सकते हैं। मजे की बात तो यह है कि दुश्मनों को अब किसी अखबार या न्यूज चैनल की भी जरूरत नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से ही बिना किसी अप्रोच के ऑडियो व वीडियो को आम लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया ऐसे खबरों को प्रसारित कर रहा है। अब देखना है कि भाजपा का नेतृत्व राजावत के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है। राजावत ने सफाई देकर अपने अपराध को गुंजल के अपराध से बड़ा कर लिया है। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को चाहिए कि राजावत को अयोग्य घोषित करे क्योंकि लोगों को धमका कर वोट हासिल करने वाला व्यक्ति जनप्रतिनिधि हो ही नहीं सकता।  (एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

No comments:

Post a Comment