Wednesday 31 December 2014

अखिलेश और ममता की सीएमगिरी

अखिलेश और ममता की सीएमगिरी
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की 31 दिसम्बर को सीएमगिरी देखने को मिली। अभिनेता आमिर खान की जिस पीके फिल्म को लेकर हिन्दूवादी संगठन देशभर में धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं, उसी पीके फिल्म को अखिलेश यादव ने यूपी में टैक्स फ्री घोषित कर दिया है। हिन्दूवादी संगठनों का कहना है कि पीके फिल्म में हिन्दू धर्म का माजक उड़ाया गया है। इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन अखिलेश यादव ने जले पर नमक छिड़कने वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए फिल्म को ही टैक्स फ्री कर दिया है ताकि हिन्दू धर्म का मजाक उड़ते हुए ज्यादा से ज्यादा लोग देख सकें। सब जानते हैं कि अखिलेश ने राजनीतिक कारणों से यूपी में इस फिल्म को टैक्स फ्री घोषित किया है। अखिलेश के इस निर्णय के पीछे यूपी के ताकतवर मंत्री आजम खान का हाथ बताया जा रहा है। आजम खान पहले भी हिन्दूवादी संगठनों पर प्रतिकूल टिप्पणियां कर चुके हैं। पीके फिल्म का विरोध सही है या गलत इसका निर्णय फिल्म सेंसर बोर्ड को करना है। सरकार ने संविधान के अंतर्गत सेंसर बोर्ड का गठन कर रखा है। 31 दिसम्बर को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केन्द्र सरकार को खुली चुनौती दी है। भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार जो अध्यादेश ला रही है, उस पर ममता ने तीखी टिप्पणी की है। ममता ने कहा है कि अध्यादेश के बाद भी बंगाल में यह कानून लागू नहीं होगा और यदि इस कानून को जबरन लागू करने की कोशिश की गई तो केन्द्र सरकार को पहले उनकी लाश पर से गुजरना होगा। यानि ममता ने साफ कर दिया है कि वह केन्द्र सरकार के नियम कायदे को नहीं मानेगी। ममता ने जिस प्रकार केन्द्र को चुनौती दी है। उससे केन्द्र और राज्य सरकारों के अधिकारों पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। ममता का इससे पहले भी केन््रद के साथ टकराव होता रहा है। हालांकि अभी तक भी केन्द्र की ओर से बंगाल के खिलाफ कोई सख्त रवैया अपनाया गया है। ममता बनर्जी जहां बांग्लादेश से आए नागरिकों को बंगाल में बसाए रखना चाहती है, वहीं केन्द्र का प्रयास है कि विदेशी नागरिकों को बंगाल से बाहर निकाला जाए। इस मुद्दे को लेकर भी बंगाल में कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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