तो क्या देश के हालात अब मोदी के समझ में आ गए हैं?
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसम्बर को अपने निर्वाचन क्षेत्र बनारस के विश्वविख्यात बीएचयू परिसर में एक समारोह को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में मोदी ने कहा कि छह माह के पीएम पद का अनुभव बताता है कि आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, लेकिन हम तैयार नहीं है। जिन जागरुक लोगों ने टीवी चैनलों पर मोदी का यह संबोधन सुना। उन्हें इस बात का अहसास होगा कि 25 दिसम्बर को मोदी में पहले जैसे आत्म विश्वास नहीं था। इससे पहले तक मोदी बार-बार यह कहते रहे कि विश्व में मेरा जो सम्मान हो रहा है। उसके पीछे विश्व के नेताओं को सवा सौ करोड़ भारतीय नजर आते हैं। मोदी ने बार-बार कहा कि अब पूरा देश एकजुट होकर विकास के पथ पर दौडऩे लगा है। मोदी ने कभी भी हार न मानने वाली बात नहीं की। लेकिन 25 दिसम्बर को मोदी ने कह दिया कि अभी विश्व को नई दिशा दिखाने की स्थिति में नहीं है। असल में पीएम मोदी को झारखंड और जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजों ने सबक लेने का अवसर दे दिया है। इन दोनों राज्यों के मतदाताओं ने जिस प्रकार मोदी के भरोसे को तोड़ा है। उससे मोदी शायद बेहद आहत है। मोदी ने कश्मीर के मतदाताओं को कितना भी भरोसा दिलाया लेकिन फिर भी लोगों ने उनके भरोसे पर विश्वास नहीं जताया। यही वजह है कि अब मोदी को यह कहना पड़ रहा है कि हम यानि भारतवासी तैयार नहीं है। मोदी इस समय देश के पीएम की कुर्सी पर बैठे हैं। इसलिए स्पष्ट रूप से अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं। मोदी के ताजा कथन का यही अर्थ निकलता है कि भारत में मुसलमानों और हिन्दुओं को लेकर जो राजनीति हो रही है। उसके परिणाम भविष्य में घातक रहेंगे। जो भाजपा कभी देश से सिविल कोर्ट लागू करने और कश्मीर से धारा 370 हटाने की गुहार लगाती रही, उसी भाजपा के नेताओं ने कश्मीर के चुनाव में इन दोनों मुद्दों पर जुबान नहीं खोली। लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा और मोदी को कश्मीर में सफलता नहीं मिली। मोदी पीएम बनने के बाद माने या नहीं, लेकिन देश में मुसलमान और हिन्दू को लेकर राजनीति करने वाले एक दम आमने-सामने खड़े हैं। छोटी-छोटी बातों पर जिस प्रकार साम्प्रदायिक तनाव हो जाता है,उससे यह बात बार-बार प्रदर्शित होती है कि देश का माहौल सद्भावना से भरा हुआ नहीं है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)
Thursday 25 December 2014
तो क्या देश के हालात अब मोदी के समझ में आ गए हैं?
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