Tuesday 9 December 2014

दिखावे से दूर अजमेर कलेक्टर

दिखावे से दूर अजमेर कलेक्टर
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान में अजेमर की जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक क्या दिखावे से दूर दिखना चाहती हैं? यह सवाल इसलिए उठा की कलेक्टर ने नौ दिसम्बर को अलवर गेट क्षेत्र में लगे एक बड़े कचरे के ढेर को वाकई हटाया। कलेक्टर ने स्वयं फावड़ा और तगारी लेकर उस तीन पहिए ठेले में बदबू वाला कचरा भरा, जिसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी गली मोहल्लों में से कचरा उठाते हैं। कचरे के ढेर को साफ करने में कलेक्टर ने वाकई कोई कसर नहीं छोड़ी। कलेक्टर के फावड़ा और तगारी हाथ में लेने से सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव, निगम के सीईओ सी.आर.मीणा, सूचना केन्द्र के उपनिदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी आदि बड़े अधिकारियों को सफाई कर्मचारी की तरह बदबू वाला कचरा उठाना ही पड़ा। एक दिन पहले आठ दिसम्बर को जब स्वच्छता अभियान की जवाहर रंगमंच से शुरुआत हुई तो भाषण और दिखावा ज्यादा था। इस दिखावे के समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर, मेयर कमल बाकोलिया आदि उपस्थित थे, लेकिन किसी ने भी कलेक्टर की तरह काम नहीं किया। शायद दिखावे से दूर रहने के लिए कलेक्टर आठ दिसम्बर वाले समारोह में अनुपस्थित रही, लेकिन एक दिन बाद ही कलेक्टर ने मंत्रियों और डीसी को दिखा दिया कि सफाई कैसे होती है। कलेक्टर ने यह भी घोषणा की है कि ऐसे कचरे के ढेरों को वे कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ मिलकर उठाएंगी। कलेक्टर ने अपना नारा दिया 'जीने की कला है सफाई।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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