Wednesday 3 December 2014

जयपुर में पायलट के लिए क्यों मना जश्न

जयपुर में पायलट के लिए क्यों मना जश्न
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी घोषित करने के बाद तीन दिसम्बर को प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जयपुर पहुंचे। इसी दिन नई कार्यकारिणी की बैठक भी रखी गई। पायलट जब जयपुर पहुंचे, तो समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। हालांकि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जब पायलट को अध्यक्ष बनाया गया था, तब पायलट ने कहा था कि वे तब तक गुलदस्ते और माला स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक राजस्थान में कांग्रेस की सरकार कायम नहीं हो जाती। तब पायलट की इस घोषणा का कांग्रेस में स्वागत किया गया, लेकिन तीन दिसम्बर को जयपुर में पायलट का स्वागत करने में समर्थकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। महंगे गुलदस्ते और बड़ी-बड़ी मालाए पायलट को पहना दी गई। समर्थकों ने पायलट जिन्दाबाद के नारे भी लगाए। जिस तरह से समर्थकों ने जश्न मनाया, उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि यह सब प्रायोजित है। सवाल उठता है कि आखिर पायलट समर्थकों ने किस खुशी में जश्न मनाया, जबकि हाल ही में सम्पन्न हुए 46 स्थानीय निकायों के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी है। पायलट के ही अध्यक्ष के कार्यकाल में लोकसभा की सभी 25 सीटें कांग्रेस ने हारी। हारने वाले उम्मीदवारों में स्वयं पायलट भी थे, जिन्होंने अजमेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। दो माह पहले हुए विधानसभा उपचुनाव की सफलता के सिवाए पायलट के खाते में कुछ भी नहीं है। मजे की बात यह है कि उपचुनाव की सफलता का श्रेय तो पायलट स्वयं के नेतृत्व को देते हैं, लेकिन लोकसभा और स्थानीय निकाय में हार की जिम्मेदारी संगठन पर डालते हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव में हार के बाद पायलट ने कांग्रेस आलाकमान (सोनिया और राहुल गांधी) से कहा कि राजस्थान में अभी तक भी अशोक गहलोत और चन्द्रभान द्वारा बनाई प्रदेश कार्यकारिणी ही चल रही है, इसलिए निकाय चुनावों में संगठन से जुड़े लोग सक्रिय नहीं हुए। इसके बाद ही पायलट को अपनी नई कार्यकारिणी के गठन की मंजूरी दी गई। अब पायलट ने अपनी मर्जी की कार्यकारिणी भी बना ली और जश्न भी हो गया। अब पायलट के सामने पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव हैं। ये चुनाव जनवरी में होने हैं, देखना है कि पायलट किस प्रकार के परिणाम लाते हैं। अलबत्ता गत एक वर्ष में भाजपा सरकार की विफलताओं के खिलाफ पायलट के नेतृत्व में कोई बड़ा आंदोलन नहीं देखा गया है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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