Saturday 26 December 2015

मसाणिया भैरव धाम के मनोकामना स्तंभ का तेरहवां वार्षिक समारोह धूमधाम से मना।



अजमेर जिल के निकट राजगढ़ स्थित मसाणिया भैरव धाम पर स्थापित मनोकामना स्तंभ का 13वां वार्षिक समारोह 25 दिसम्बर को धूमधाम से मना। मेरे लिए 25 दिसम्बर का दिन इसलिए खास रहा कि इस समारोह में मुझे भी हवन कुंड में आहूति देने और आरती करने का सुनहरा अवसर मिला। 13 वर्ष पहले जब भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने इस मनोकामना स्तंभ की स्थापना की थी, तब भी मैं उपस्थित था।
तब महाराज ने मुझसे कहा था कि मित्तल साहब एक दिन लाखों श्रद्धालु इस स्तंभ की परिक्रमा कर अपनी मनोकामना पूरी करेंगे। आज 25 दिसम्बर को मैंने अपनी आंखों से देखा कि एक लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने 13वें वार्षिक समारोह के अवसर पर मनोकामना स्तंभ की परिक्रमा की है। पूरा राजगढ़ क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। राजस्थान ही नहीं पड़ौसी राज्य हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भैरवधाम पर एकत्रित हुए। 13वें वार्षिक समारोह के मौके पर स्तंभ के सामने ही हवन यज्ञ किया गया। इस यज्ञ में केन्द्रीय उर्वरक एवं रसायन राज्यमंत्री निहालचंद मेघवाल के साथ-साथ राजस्थान के मंत्री कालूलाल गुर्जर, श्रीमती अनिता भदेल, राजकुमार रिणवा, विधायक सुरेश सिंह रावत, रामनारायण गुर्जर, श्रवणलाल, अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया सहित अनेक प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी आदि ने आहूति दी। इस अवसर पर भैरवधाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने कहा कि इस मनोकामना स्तंभ की परिक्रमा कर जो भी मांगा जाएगा वह मिलेगा। स्तंभ में मसाणिया भैरवधाम की शक्ति लगी हुई है। यहां असाध्य रोग ही दूर नहीं होते बल्कि घर परिवार में खुशहाली भी आती है। 
सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का भी संकल्प:
मसाणिया भैरवधाम पर सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का भी संकल्प करवाया जाता है। 25 दिसम्बर को भी सभी श्रद्धालुओं ने कन्या भ्रूण हत्या न करने का संकल्प लिया। महाराज ने सवाल उठाया कि जब हमें पत्नी, मां, बहन, दादी आदि चाहिए तो फिर बेटी क्यों नहीं? बेटी बचाने के लिए ही पिछले 6 माह से भैरवधाम पर संकल्प करवाया जा रहा है। अब तक दो लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने कन्या भ्रूण हत्या न करने का संकल्प लिया है। नशा मुक्ति का संकल्प तो लगातार जारी है, बड़े स्तर पर शराब, अफीम, गुटखा आदि नश्ीाले पदार्थों का त्याग करने का संकल्प भैरवधाम पर करवाया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति बाबा के सामने संकल्प लेने के बाद फिर से नशा करने लगता है तो उसे बुरे परिणामों का सामना करना पड़ता है। 
मंत्री ने की प्रशंसा:
समारोह में केन्द्रीय मंत्री मेघवाल ने चम्पालाल महाराज के प्रयासों की प्रशंसा की। महाराज के चरणों में अपना सिर रखते हुए मेघवाल ने स्वीकार किया कि उन पर भी मसाणिया भैरवधाम की कृपा है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने, नशा छुड़ाने आदि सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए सरकार अपनी ओर से प्रयास करती है। लेकिन मसाणिया भैरवधाम की पहल पर जो प्रयास होरहे हैं, वे बुहत प्रभावी है। उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक स्थल पर संकल्प लेने का ज्यादा असर होता है। 
महाराज का सम्मान:
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम और अंजुमन कमेटी के पदाधिकारी सैय्यद मुन्नवर चिश्ती के नेतृत्व में खादिम समुदाय की ओर से महाराज का स्वागत सम्मान किया गया। इस मौके खादिम समुदाय ने महाराज के सिर पर पगड़ी बांधी और उन्हें शॉल ओढ़ाया। इस अवसर पर चिश्ती ने कहा कि सामाजिक बुराइयां किसी एक धर्म के लोगों की नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज की है। यह अच्छी बात है कि मसाणिया भैरवधाम पर सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए संकल्प करवाया जाता है। पंजाब के एक दल ने भी महाराज को तलवार भेंट कर शानदार स्वागत किया।
(एस.पी. मित्तल)
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