Monday 7 December 2015

बीकानेर में खुली भाजपा सरकार की सफलताओं की पोल।


प्रभारी मंत्री दे देंगे स्तीफा।
वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान की भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर 13 दिसम्बर को जयपुर में सरकारी जश्न मनाया जा रहा है। लेकिन 7 दिसम्बर को बीकानेर में सरकार की सफलताओं की पोल खुल गई। प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवा ने 13 दिसम्बर को जयपुर में भीड़ ले जाने के लिए बैठक ली तो भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि आम लोगों के छोटे छोटे कार्य नहीं होने से सरकार की बदनामी हो रही है। हालत इतने खराब हंै कि विधायकों की भी प्रशासन में नहीं सुनी जाती है। बैठक में हंगामे की स्थिति को देखते हुए रिणवा ने मीडिया से कहा कि वे जब भी सरकारी बैठक लेते हैं तो प्रशासनिक अधिकारी 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाने का दावा करते हैं, लेकिन वहीं आज की बैठक मे कार्यकर्ताओं का कहना रहा कि कार्य होते ही नहीं है। रिणवा ने कहा कि 13 दिसम्बर के जयपुर आयोजन के बाद वे बीकानेर आएंगे और कलेक्टर  के साथ बैठक करेंगे, यदि इस बैठक में कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुसार कार्य नहीं हुए तो या तो अधिकारी नहीं रहेंगे या फिर मैं। यानि रिणवा बीकानेर के प्रभारी मंत्री का पद छोड़ दूंगा।
राजे सरकार भले ही 13 दिसम्बर को जश्न मनाए, लेकिन जो हालात बीकानेर के हैं, वैसे ही प्रदेश के हर जिले के। अफसरशाही पूरी तरह हावी है और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कार्यकर्ता तो बेहद दु:खी हंै। प्रशासन में भ्रष्टाचार पूरी तरह हावी है। बड़े प्रशासनिक अधिकारी खुले आम सौदेबाजी कर रहे हैं। जिन कामों में रिश्वत मिल जाती है, उसमें तो काम कर दिया जाता है, लेकिन जिसमें रिश्वत नहीं मिलती वह काम खामियां बता कर नहीं किए जाते हैं। बीकानेर से प्रभारी मंत्री रिणवा ने सच को स्वीकार किया है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति प्रदेशभर के प्रभारी मंत्रियों की है। लेकिन मंत्री पद पर रहने की वजह से कोई मुंह नहीं खोलता है। रिणवा की हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से प्रशासन की विफलताओं को मीडिया के सामने स्वीकार किया है। सरकार के जो लोग जश्न में मग्न हैं, उन्हें रिणवा की पीड़ा को समझना चाहिए। 

(एस.पी. मित्तल)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

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