Tuesday 15 December 2015

भारतीय रेलवे का अजमेर बना पायलट



यहां की बेलन्स शीट काम आएगी देशभर में
भारतीय रेलवे के आय-व्यय के क्षेत्र में अजमेर रेल मंडल को पायलट प्रोजेक्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानकार सूत्रों के अनुसार भारतीय रेलवे को 14 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए देशी निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों का भी सहयोग चाहिए लेकिन विदेशी निवेशक भारतीय रेल में तभी निवेश करने को तैयार थे जब रेलवे के मंडल स्तर पर आय-व्यय की बेलन्स शीट तैयार हो। इसमें मंडल स्तर पर रेलवे की संपत्तियों का भी ब्यौरा अनिवार्य किया गया। इससे पहले रेलवे के मंडल स्तर पर संपत्तियों का ब्यौरा एवं आय-व्यय की विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं थी। रेल बजट में भी रेलवे को एक मानकर आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाता है। ऐसे में रेल मंत्रालय के सामने ऐसे मंडल के चयन की चुनौती थी जिसमें पारदर्शिता और भौतिक सत्यापन के साथ-साथ बेलन्स शीट तैयार की जा सके। देश भर के रेल मंडलों के कामकाज की समीक्षा मंत्रालय में उच्च स्तर पर हुई। विचार मंथन के बाद अजमेर मंडल का चयन किया गया। अजमेर मंडल के लिए यह कार्य चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इस तरह का काम देश में पहली बार हो रहा है। लेकिन इस चुनौती को अजमेर के मंडल रेल प्रबंधक नरेश सालेचा ने स्वीकार किया। चूंकि सालेचा लेखा क्षेत्र के ही अधिकारी है इसलिए उन्होंने अपने मंडल की आय और व्यय का विभाजन तो सरलता के साथ किया ही साथ ही मंडल की बेशकीमती संपत्तियों का इन्द्राज भी ऐसे किया जिसे एक नजर में आसानी के साथ देखा जा सके। यह सालेचा की ही मेहनत रही कि उन्होंने तय समय से पहले ही रेल मंत्रालय की मंशा के अनुरुप रिपोर्ट तैयार कर ली। अब इस पायलट रिपोर्ट को रेल मंत्रालय में भेज दिया गया है। इस पायलट रिपोर्ट के आधार पर ही अब देश भर के रेल मंडलों की रिपोर्ट तैयार होगी। मालूम हो कि सालेचा की कार्यशैली की वजह से ही गत दो वर्षो में अजमेर मंडल को न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि अखिल भारतीय और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक अवार्ड प्राप्त हुए है।
नियुक्त है कंसलटेंट :
रेलवे के कॉमर्शियल बुकीपिंग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड एकाउटेंट तथा एकाउंटिंग रिफोर्म फाउंडेशन को कंसलटेंट नियुक्त कर रखा है। विश्व में कॉमर्शिलय एकाउंटिंग के क्षेत्र में अब तक केवल छह देश है जिनमें अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस और कोलम्बिया है, लेकिन विश्व बैंक जैसी संस्था के दबाव में अब भारत सहित 119 देशों में कॉमर्शियल एकाउंटिंग पद्धति लागू हो रही है। इस पद्धति के लागू होने से देशी-विदेशी संसाधन जुटाने में आसानी होगी। साथ ही रेलवे की संपत्तियां पारदर्शी बनेगी। आय-व्यय की स्थिति और संपत्तियों को देखकर निवेशक आकर्षित होंगे तथा निवेशकों का दायरा और संख्या भी बढ़ेगी। इसके साथ ही ऑनलाइन एकाउंटिंग होने से कॉमर्शियल डिसिजन लेने में सजहता आएगी।
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(एस.पी. मित्तल)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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