हिन्दू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी द्वारा पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब को लेकर की गई प्रतिकूल टिप्पणी के विरोध में 11 दिसम्बर को अजमेर में नाराज मुसलमानों ने एक विशाल जुलूस निकाला। दोपहर को यहां सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जुम्मे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में मुसलमान दरगाह बाजार में एकत्रित हुए। भीड़ इतनी थी कि दरगाह बाजार में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। हालात नियंत्रण से बाहर होते, इससे पहले ही जुलूस के धानमंडी क्षेत्र से रवाना कर दिया। जुलूस शहर के प्रमुख बाजारों से होता हुआ कलेक्ट्रेट पर पहुंचा। यहां मुस्लिम प्रतिनिधियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हिन्दू महासभा ने हमारे पैगम्बर साहब का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग आलोचना कर रहे हैं, असल में उन्हें मुस्लिम धर्म के बारे में सही जानकारी नहीं है। मोहम्मद साहब ने तो भाईचारे का पैगाम दिया है। कुरान शरीफ में तो यहां तक कहा गया है कि यदि आपके पड़ौसी ने कुछ नहीं खाया है तो आपको भी खाने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बेवजह माहौल खराब कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में मांग की गई कि देश का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
यातायात प्रभावित:
जुलूस की वजह से दोपहर को यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। चूंकि जुलूस में बड़ी संख्या में मुसलमान शामिल हुए इसलिए हर चौराहे से लम्बे समय तक जुलूस गुजरता रहा। जिसकी वजह से चारों तरफ का यातायात रोक दिया गया। जुलूस में भीड़ का आलम यह था कि ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर पूरा बाजार खचाखच भर गया। ऐसा मंजर सिर्फ ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में देखने को मिलता है। दरगाह में शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए शहर के अलावा आसपास के क्षेत्रों के मुसलमान बड़ी संख्या में आते हैं।
इनकी रही भूमिका:
जुलूस को सफल बनाने में शहर काजी तौसिफ अहमद सिद्दकी, मौलाना मेहन्दी मियां, बसीरूल्ल कादरी, मौलाना अनवर मियां, यासिर चिश्ती, मंसूर खान, हाजी मुनव्वर अली, हुमायूं खान, फरीद हुसैन, एसएम अकबर, अंसार भाई, पप्पू कुरैशी, इलियास कुरैशी, बरकत उस्मानी, शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती आदि की सक्रिय भूमिका रही।
(एस.पी. मित्तल)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511
No comments:
Post a Comment