Saturday 26 December 2015

नरेन्द्र मोदी की दिलेरी की तो तारीफ होनी ही चाहिए । परिणाम की भगवान जाने।



पीएम नरेन्द्र मोदी 25 दिसम्बर को पाकिस्तान के लाहौर के निकट जट्टी उमरा में जिस दिलेरी के साथ पहुंचे उसकी तारीफ तो की ही जानी चाहिए। 24 दिसम्बर को मोदी रूस में थे और 25 को सुबह अफगानिस्तान के काबुल में आ गए। काबुल से ही मोदी ने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी। इस पर शरीफ ने कहा कि दिल्ली जाने से पहले लाहौर में लंच लेते जाइए। बस फिर क्या था मोदी भारतीय वायु सेवा के विमान से लाहौर पहुंच गए। लाहौर में शरीफ ने गले लगाकर मोदी का इस्तकबाल किया और फिर हवाई अड्डे पर पहले से ही तैयार खड़े हैलीकॉप्टर में मोदी-नवाज बैठ गए। हैलीकॉप्टर उड़ा और लाहौर के निकट जट्टी उमरा में उतरा। यहां पर नवाज के परिवार का ऑलीशान रायविंड पैलेस है। इस पैलेस में नवाज की नातिन की शादी की मेहन्दी की रस्म भी चल रही थी। मोदी की आत्मीयता के साथ नवाज के परिवार ने सभी सदस्यों से मुलाकात की। मोदी नवाज ने मिलकर जन्मदिन का केक भी काटा। भारत और पाकिस्तान का मीडिया इस दौरे को लेकर आश्चर्यचकित रहा। दोनों देशों के मीडिया ने मोदी की दिलेरी की जमकर प्रशंसा की। पाकिस्तान को आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है। शायद ही कोई दिन हो जब पाकिस्तान में आतंकी वारदात न हो। लाहौर के निकट जिस जट्टी उमरा क्षेत्र में मोदी गए उस क्षेत्र को हाफिज सईद का गढ़ माना जाता है। यह वहीं हाफिज सईद है जिसने मुम्बई हमले करवाए और आज भी भारत के खिलाफ जहर उगलता है। मोदी नवाज की इस आश्चर्यचकित मुलाकात के परिणाम क्या होंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान की सरजमीं पर उतर कर मोदी ने जबरर्दस्त दिलेरी दिखाई है। आमतौर पर जब भी कोई शासक किसी देश में जाता है तो एडवांस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं लेकिन मोदी ने भारत से किसी सुरक्षाकर्मी को भेजे बगैर पाकिस्तान में उपस्थिति दर्ज करवा दी। भारत से रूस के लिए मोदी के साथ 120 सदस्यों का दल भी था। जब दल को पाकिस्तान जाने की खबर लगी तो कई सदस्यों की सांस ऊपर नीचे हो गई। तब मोदी ने ही सबको हिम्मत बंधाई। उधर जट्टी उमरा में रायविंड पैलेस में मोदी मेहन्दी की रस्म में शरीक हो रहे थे। इधर भारत में आलोचकों ने मोदी के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। विहिप के अन्र्तराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने कटाक्ष करते कहा कि अब दाऊद इब्राहीम और हाफिज सईद को मोदी अपने हवाई जहाज से बांधकर भी ले आएंगे। मोदी ने जिन हालातों में पाकिस्तान का दौरा किया उसे कोई भी सही नहीं मान रहा। हालांकि भाजपा के नेता दौरे का बचाव कर रहे हैं लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या अब सीमा पर गोलाबारी बंद हो जाएगी? क्या कश्मीर में आईएस के झंडे लहरना बंद हो जाएंगे? क्या देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातें बंद हो जाएगी? क्या पाकिस्तान अब कश्मीर का राग अलापना बंद करेगा? मोदी जब चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार थे तब हर बार कहते रहे कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती। मोदी को अब अपने देश में यह बताना होगा कि क्या पाकिस्तान सुधर गया है? एक ओर पीएम मोदी नवाज शरीफ की नातिन की शादी की मेहन्दी की रस्म में भाग ले रही हैं तो दूसरी ओर भारत में छोटी-छोटी बातों पर साम्प्रदायिक तनाव होते हैं। यदि दोनों देशों के नेताओं में इतने अच्छे संबंध हैं तो फिर भारत में हिन्दू और मुसलमान आमने सामने क्यों हो जाते हैं। अब तक का यह इतिहास रहा है कि जब भी दोनों देशों के नेता मिले हैं तो थोड़े ही दिनों बाद जोरदार तनाव हुआ है। आमतौर पर यह कहा जाता है कि पाकिस्तान में सेना का नियंत्रण है और वहां की निर्वाचित सरकार नाम मात्र की है। लेकिन 25 दिसम्बर को जिस तरह नवाज ने मोदी का इस्तकबाल किया उसमें नवाज की भी प्रशंसा की जानी चाहिए। मोदी को पाकिस्तान में बुलाकर नवाज ने भी यह संदेश दिया है कि वह कमजोर प्रधानमंत्री नहीं है।
(एस.पी. मित्तल)
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