Friday 4 December 2015

दरगाह क्षेत्र में अवैध निर्माण नहीं हटा सकी प्रशासन की ताकत



अफसरों को बैरंग लौटना पड़ा
4 दिसम्बर को अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट धानमंडी में एक अवैध निर्माण को तोडऩे के लिए सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव, नगर निगम के आयुक्त एच. गुईटे, उपायुक्त श्रीमती सीमा शर्मा, गजेन्द्र सिंह रलावता, डीएसपी राजेश मीणा और जेसीबी मशीन के साथ पुलिस बल पहुंच गया लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन की ताकत अवैध निर्माण को नहीं हटा सकी। प्रशासन ने जिस अतिक्रमण को चिन्हित किया था वह दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन मोईनिया फखरिया चिश्तिया सैयद जादगान की है। सूचना मिलते ही अंजुमन के अध्यक्ष मोईन सरकार, सचिव वाहिद हुसैन अंगारा और बड़ी संख्या में खादिम समुदाय के लोग मौके पर पहुंच गए। सचिव अंगारा ने कहा कि तोडऩे से पहले नोटिस दिया जाना चाहिए तथा तोड़-फोड़ की कार्यवाही दरगाह क्षेत्र में शुक्रवार के दिन न की जाए। इससे माहौल खराब हो सकता है। खादिम समुदाय ने यह भी तर्क दिया कि जब अवैध निर्माण होता है तब प्रशासन के अधिकारी क्यों नहीं रोकते। निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से ही अवैध निर्माण होता रहता है और जब निर्माण पूरा हो जाता है तो प्रशासन जेसीबी मशीन लेकर तोडऩे आ जाता है। खादिम समुदाय ने जिस तरह से नाराजगी प्रकट की उससे प्रशासन की हिम्मत नहीं हुई कि अवैध निर्माण पर जेसीबी चलाई जाए। सिटी मजिस्ट्रेट यादव ने इस बात को स्वीकार किया कि तोडऩे से पहले अतिक्रमणकारी का जवाब सुनना चाहिए। यादव ने आयुक्त गुईटे से कहा कि संबंधित पक्षकार को विधिवत नोटिस दिया जाए। निगम के लापरवाह और प्रशासन के ढुलमुल रवैए की वजह से पूरे अमले को बैरंग लौटना पड़ा।
नासिर हासमी भी बच गए:
बैरंग लौटते वक्त दरगाह के निकट ही लाखन कोटड़ी में नासिर हासमी के अवैध निर्माण का भी जायजा अधिकारियों ने लिया। यहां भी वही बेवकूफी सामने आई कि हासमी को नोटिस नहीं दिया गया है। हासमी का कहना रहा कि उन्होंने निगम में नक्शा स्वीकृत करवाकर निर्माण करवाया है और यदि निर्माण गलत है तो निर्माण के समय ही रोका जाना चाहिए था।
नेत्रहीन है निगम प्रशासन:
ऐतिहासिक सोनीजी की नसियां के निकट दिलीप तिलोकानी नामक व्यक्ति ने रामद्वारा ट्रस्ट के निर्माण को तोड़कर तीन मंजिला होटल बना लिया है। लेकिन निगम के नेत्रहीन अधिकारियों और इंजीनियरों को यह होटल दिख नहीं रही है। तिलोकानी ने रामद्वारा की भूमि पर आवासीय नक्शा स्वीकृत करवाया है लेकिन नेत्रहीन अधिकारियों की वजह से पूरा होटल बनकर तैयार हो गया। होटल मालिक ने अजमेर विद्युत वितरण निगम के इंजीनियरों के मुंह पर भी चांदी का जूता रखा दिया है। यही वजह है कि बिजली इंजीनियरों ने सारे नियमों को ताक में रखकर होटल के लिए विद्युत कनेक्शन दे दिया है। इतना ही नहीं ट्रांसफार्मर भी दूसरी जगह लगाया गया है। बेईमानी के कारनामों की जानकारी निगम और विद्युत विभाग दोनों के बड़े अधिकारियों की है लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। दो दिसम्बर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए एसटीपी राजेश वर्मा व एएसटीपी दीप सिंह मीणा ने एसीबी के अधिकारियों से साफ कहा कि हम जो रिश्वत लेते हैं उसे नीचे से लेकर ऊपर तक बांटा जाता है।
(एस.पी. मित्तल)
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