Monday 4 May 2015

क्या अजमेर के डीजे को भी ठेले वालों से प्रतिमाह 50 रुपए मिलते हैं

शिकायत निवारण समिति की बैठक में लगे गंभीर आरोप
अजमेर में जिला बार एसोसिएशन और जिला न्यायालय प्रबंधन के बीच जो खींचतान चल रही है, उसे दूर करने के लिए गत 21 अप्रैल को शिकायत निवारण कमेटी की एक बैठक हुई। इस बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ तथा जिला लोक अभियोजक अजय वर्मा उपस्थित हुए। कमेटी के चौथे सदस्य भवानी सिंह शक्तावत उपस्थित नहीं हुए। बैठक का माहौल उस समय गर्म हो गया, जब बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि मेरे पास भी ऐसी जानकारी है कि जिला न्यायालय परिसर के सामने जो भूमि रिक्त है, उस पर जो चाट पकौड़ी, चाय आदि के ठेले खड़े होते हैं, उनसे प्रतिमाह 200 रुपए वसूले जाते हैं। यह वसूली जिला न्यायालय के बिल्डिंग केयर टेकर विजय सिंह झाला वसूलते हैं। इसमें से 150 रुपए झाला स्वयं रखते हैं, जबकि 50 रुपए की राशि जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दी जाती है। राठौड़ को यह बात तब कहनी पड़ी, जब बैठक में एक पत्र विचार के लिए प्रस्तुत किया गया। न्यायालय परिसर में बैठने वाले नीतिपत्र लेखकों और डीड राइटरों की ओर से लिखे गए इस पत्र में आरोप लगाया गया कि बार एसोसिएशन ने गत दिनों गुंजन शर्मा नाम के व्यक्ति को बार परिसर में किराये पर दुकान दे दी, जिसके एवज में 16200 रुपए प्रतिमाह किराया वसूला गया। गुंजन शर्मा ने गत 10 अप्रैल को दुकान खाली कर दी, तो एसोसिएशन ने रातों रात इसी दुकान को मोटी राशि लेकर विजय सुजान को दे दी। इस पत्र में यह भी लिखा गया कि हाईकोर्ट ने अपने 5 दिसम्बर 2014 के आदेश में बार परिसर में वाणिज्यिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। इसलिए बार एसोसिएशन की यह कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी है। इस पर ही राठौड़ अध्यक्ष ने चाट पकौड़ी के ठेले वालों से वसूली की बात कही। राठौड़ ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी पर भी आरोप लगा सकता है। सच्चाई यह है कि एसोसिएशन स्वयं फोटो स्टेट और कम्प्यूटर का कार्य संचालित करती है और उसके लिए पांच-पांच हजार रुपए के चार कर्मचारी नियुक्त भी कर रखे हैं, लेकिन बैठक में राठौड़ चार कर्मचारियों के नाम नहीं बता सके। राठौड़ ने कहा कि न्यायालय परिसर में बैठे डीड राइटरों ने कोई शिकायती पत्र नहीं लिखा है। इसके जवाब में डीजे शर्मा ने कहा कि डीड राइटरों की ओर से जो पत्र भेजा गया है, उसे हाईकोर्ट ने जांच के लिए न्यायालय प्रबंधन के पास भेजा है।
डीजे ने कहा कि मेरा कत्र्तव्य हाईकोर्ट के आदेश की पालना करवाना है। वहीं बैठक में अध्यक्ष राठौड़ का कहना रहा कि डीजे शर्मा बार एसोसिएशन से व्यक्तिगत नाराजगी रखते हैं, इसलिए छोटे-छोटे कार्यों में बाधा पहुंचाते हैं। 21 अप्रैल की बैठक में लोक अभियोजक अजय वर्मा ने भी चुप्पी साधे रखी। बैठक में जो कुछ भी हुआ, उसका विस्तृत विवरण डीजे शर्मा ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी को भिजवा दिया है। इस विवरण पर तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर भी हंै।
डीजे को बताया था ईमानदार
विगत दिनों जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में वकीलों के एक  प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश अंबवानी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में वरिष्ठ वकील सत्यनारायण शर्मा ने कहा था कि अजमेर के डीजे शर्मा बेहद ही ईमानदार व्यक्ति हैं, तभी मजाक में अबंवानी ने कहा कि बार एसोसिएशन का मतभिन्न है। इस प्रतिनिधिमंडल में देवकी नंदन शर्मा, अशरफ बुलंद, जगदीश राणा, बसंत विजयवर्गीय, अजय त्रिपाठी आदि शामिल थे।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment