Sunday 10 May 2015

सीएम मैडम को भ्रष्टाचार का और क्या सबूत चाहिए

गत विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे ने चीख-चीख कर कहा था कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार को हम मिटाएंगे। प्रदेश की जनता ने वसुंधरा राजे को सीएम बनवा दिया और उम्मीद की कि अब भ्रष्टाचार मिट जाएगा, लेकिन 9मई को करौली में जो कुछ भी हुआ, उससे जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार वसुंधरा राजे के राज में भी है। करौली पंचायत समिति के बीडीओ बबली राम जाट ने आरोप लगाया कि जिला परिषद के सीईओ शमसुद्दीन अहमद और मनरेगा के एक्सईएन बद्री प्रसाद प्रतिमाह एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे है। सीएम मैडम को इससे बड़ा कोई सबूत नहीं मिल सकता। सीएम ने जिला स्तर पर प्रभारी सचिव नियुक्त कर रखे हैं। जाट ने 9 मई को ही प्रभारी सचिव पी.के.गोयल को रिश्वतखोरी के बारे में बता दिया। रिश्वत को लेकर ये तीनों अधिकारी लहूलुहान भी हो गए। इतना सब कुछ होने के बाद भी इन तीनों अधिकारियों को सिर्फ एपीओ किया गया है। क्या कांग्रेस के भ्रष्टाचार को वसुंधरा राजे ऐसे ही मिटाएंगी? जब मनरेगा के काम में एक पंचायत समिति में  एक अधिकारी एक लाख रुपए की रिश्वत प्रतिमाह मांग रहा है तो इससे प्रदेशभर में फैले मनरेगा में भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। चुनाव के दौरान खुद वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया था कि मनरेगा में सरकारी धन की लूट हो रही है। करौली में जिस तरह से मामला उजागर हुआ है, उससे जाहिर है कि वसुंधरा राजे के राज में भी मनरेगा में भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं लगी है। शर्मनाक बात तो यह है कि अब सरकार खुद इस मामले में लीपापोती करनेमें लगी हुई है। सरकार नहीं चाहती कि उसका भ्रष्टाचार उजागर हो।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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