Friday 29 May 2015

तो, अजमेर को स्मार्ट बनाने के लिए रिसोर्ट में हो रही कॉन्फ्रेंस

पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जो प्रक्रिया चल रही है, उसके अंतर्गत 29 व 30 मई को पुष्कर के निकट एक पांच सितारा सुविधायुक्त रिसोर्ट में कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस कॉन्फ्रेंस में अमरीका की संस्था के प्रतिनिधि और प्रदेश की सरकार के मंत्री और अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। रिसोर्ट में बैठकर क्या विचार हो रहा होगा, यह भगवान ही जानता है, क्योंकि अजमेर के जो हालात हैं, उन्हें जब तक मौके पर जाकर नहीं देखा जाएगा, तब तक शहर को स्मार्ट बनाना मुश्किल है।
ख्वाजा साहब की दरगाह के आसपास ऐसी गलियां हैं, जिसमें सिर्फ एक आदमी निकल सकता है। इसके अतिरिक्त अजमेर में तैनात रहे अफसरों ने जिस तरह से अवैध निर्माण करवाए हैं, उससे पूरे शहर का ढर्रा बिगड़ा पड़ा है। कॉन्फ्रेंस में इस बात का तो प्रजेंटेशन दिया गया कि स्मार्ट सिटी में क्या-क्या होगा, लेकिन यह किसी ने भी नहीं बताया कि अजमेर की परिस्थितियों में योजनाओं की क्रियान्विति किस प्रकार होगी। क्या अमरीका में भी इतनी हिम्मत है कि दरगाह क्षेत्र में हुए अवैध निर्मार्णों को तोड़ा जा सके। जिला प्रशासन के अधिकारियों की तो इन अतिक्रमणों की ओर देखने की हिम्मत तक नहीं है।
गत वर्ष एक अधिकारी अवैध निर्माण को तोडऩे गए थे तो उन्हें अपमानित होकर लौटना पड़ा। रिसोर्ट में कॉन्फ्रेंस कर लेने से कोई निर्णय होने वाला नहीं है। बड़ी हास्यास्पद बात है कि एक ओर अमरीका के प्रतिनिधि ही रिसोर्ट में कॉन्फ्रेंस कर रहे तो दूसरी ओर 2 जून को होने वाली अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में सभी पार्षद यह चाहते हैं कि अवैध निर्माणों को जुर्माना लेकर नियमित कर दिया जाए। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद एक जुट हैं। इतना ही नहीं हाईकोर्ट भी अवैध निर्माण तोडऩे के लिए निगम के अधिकारियों को लगातार फटकार लगा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रभावशाली व्यक्तियों के अवैध निर्माण नहीं टूट रहे हैं। देखना है कि रिसोर्ट में कॉन्फ्रेंस कि योजनाओं को किस प्रकार से पूरा किया जाता हैं।

एस.पी.मित्तल (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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