Thursday 7 May 2015

कातिल, मैडम और ईटीवी

जगदीश चन्द्र कातिल अपने न्यूज चैनल ईटीवी पर क्या दिखाए और क्या नहीं, यह उनका अपना निर्णय है, लेकिन यदि कोई दृश्य पूरे पत्रकारिता जगत के सम्मान को ठेस पहुंचाता हो तो कातिल साहब को थोड़ा तो ख्याल रखना ही चाहिए। राजस्थान के दर्शक यह अच्छी तरह जानते है कि ईटीवी पर सीएम वसुंधरा राजे की हर खबर प्रसारित होती है। 7 मई को जब सीएम मैडम मुंबई में सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन के लिए गई तो वहां ईटीवी का कैमरा और रिपोर्टर पहले से ही मौजूद था। दर्शन के बाद जब मैडम कार में बैठ गई तब बेचारे रिपोर्टर ने कैमरा और माइक लगाकर आग्रह किया कि आपने क्या मांगा? इस सवाल से मैडम खुश नहीं थी, इसीलिए बे-मन से कहा कि मैं तो बचपन से ही इस मंदिर में आ रही हूॅं और आज मैंने अपने प्रदेश की खुशहाली की मन्नत मांगी है। इसके साथ ही मैडम ने कार चालक को चलने के आदेश भी दे दिए। मैडम ने चालक को कार चलाने के जो आदेश दिए उन्हें भी ईटीवी ने प्रसारित किया। अपने मन्नत कथन के साथ ही जिस तरह मैडम ने कार चलाने के लिए कहा उससे साफ जाहिर हो रहा था कि मैडम को ईटीवी को बाइट देने में कोई रूचि नहीं है। यह पहला वाकया नहीं है जब सीएम मैडम ने ईटीवी के माध्यम से मीडिया के सम्मान को ठेस पहुंचाई हो। इससे पहले भी सीएम मैडम मीडिया के प्रति अपनी बेरूखी जाहिर कर चुकी है। इतना ही नहीं जगदीश चंद्र कातिल की उपस्थिति में ईटीवी के कार्यक्रम में ही सीएम मैडम ने ईटीवी और मीडिया पर जमकर प्रहार किए है। यह माना कि ईटीवी न्यूज चैनल को चलाने में राजस्थान सरकार के विज्ञापन जरूरी है, लेकिन कातिल साहब को मीडिया के सम्मान का थोड़ा तो ख्याल रखना ही चाहिए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कातिल साहब ने ईटीवी के प्रादेशिक चैनलों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह भी सही है कि ईटीवी के प्रादेशिक चैनलों पर गांव-ढाणी के समाचार भी प्रसारित होते है। ईटीवी लोगों की जरूरत भी बन गया है। इस सब का श्रेय कातिल साहब को ही जाता है, लेकिन सीएम मैडम जैसे राजनेताओं की बेरूखी से मीडिया को कैसे बचाते है यह भी कातिल साहब को देखना चाहिए। प्रसारण के समय कम से कम वो दृश्य तो हटा दे जिनसे पूरे मीडिया का अपमान होता हो।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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