Thursday 18 February 2016

251 रुपए में स्मार्ट फोन देने के नाम पर धोखा? भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने की जांच की मांग।



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नोएडा की कंपनी रिंगिंग बेल्स ने मात्र 251 रुपए में स्मार्ट फोन देने का वायदा किया है। सस्ते फोन के लालच में 18 फरवरी को कई लाख लोगों ने ऑन लाइन राशि जमा करवा कर फोन बुक भी करवा दिया है, लेकिन वहीं अब धोखे की आशंका भी हो गई है।  बड़ी-बड़ी कंपनियों का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने केन्द्र सरकार से इस मामले की जांच की मांग कमी है। सोमैया ने सरकार से कहा है कि यह कंपनी मात्र 251 रुपए में किस प्रकार स्मार्टफोन दे देगी, इसकी जांच होनी चाहिए। अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कंपनी ने भारत में स्मार्ट फोन बेचने का कोई सरकारी लाइसेंस अथवा स्वीकृति भी नहीं ली है। यह वजह रही 17 फरवरी को फोन की लॉचिंग के समारोह में केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी शामिल नहीं हुए। जबकि कंपनी ने अपने विज्ञापन में पर्रिकर के नाम का उल्लेख किया था। इस मामले में गंभीर बात यह है कि जिस दैनिक भास्कर अखबार ने कपंनी का विज्ञापन प्रथम पृष्ठ पर छापा, उसने भी 251 रुपए में स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाने से अपना पल्ला झाड़ लिया है। भास्कर के 18 फरवरी के अंक में ही खबर छापी गई है। इस खबर में खुद भास्कर ने लिखा है कि कंपनी के प्रेसिडेंट अशोक चढ्ढा ने यह बताने से इंकार कर दिया है कि 251 रुपए में मोबाइल किस प्रकार उपलब्ध करवाया जाएगा। इतना ही नहीं कंपनी के प्रमोटर मोहित गोयल की पत्नी धारणा गोयल ने तो स्पष्ट कहा है कि माकेर्टिंग प्लान की घोषणा बाद में की जाएगी। 
मात्र 251 रुपए में स्मार्ट फोन को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। सवाल उठता है कि क्या देश में कोई नियम कायदा नहीं है? कोई भी कंपनी अखबार में विज्ञापन देकर लोगों से राशि वसूले और सरकार देखती रहे। क्या रिंगिंग बेल्स कंपनी से यह कोई पूछने वाला नहीं है कि 251 रुपए में स्मार्ट फोन कैसे उपलब्ध करवाएगी? ऐसा न हो कि जून माह में कपंनी फोन देने से पहले कोई और राशि की डिमांड कर दे। सरकार को चाहिए पहले इस कंपनी के मार्केटिंग प्लान की घोषणा करवाए।  सरकार को उपभोक्ता को लुटेरी कंपनियों के भरोसे नहीं छोडऩा चाहिए। 18 फरवरी को मैंने भी कंपनी के फोन नम्बरों पर सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। यहां तक कि कंपनी के सर्विस सेंटरों के फोन नम्बर भी नहीं लगे। जो लोग 251 रुपए में स्मार्ट फोन लेने का लालच कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि फोन के लिए किसी ऑपरेट कंपनी की सिम भी लेनी पड़ेगी। ऐसा न हो कि रिंगिंग बेल्स वाले किसी एक कंपनी की सिम ही लेने के लिए बाध्य करें। हो सकता है कि कॉल और इंटरनेट का शुल्क अधिक वसूला जाए। कंपनी अभी तथ्यों को छिपा रही है। इसलिए धोखा होने की आशंका ज्यादा है। 


(एस.पी. मित्तल)  (18-02-2016)
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