Friday 5 February 2016

सिक्युरिटी राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज देगा डिस्कॉम। 2 माह के बिल की राशि को माना जा रहा है सिक्युरिटी।



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विद्युत वितरण निगम इन दिनों उपभोक्ताओं से जो सिक्युरिटी राशि वसूल रहा है, उसको लेकर आम उपभोक्ताओं में नाराजगी है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब नए कनेक्शन के साथ सिक्युरिटी राशि जमा कर ली जाती है तो अब कौनसी सिक्युरिटी राशि विद्युत निगम वसूल रहा है। उपभोक्ताओं की नाराजगी के बीच अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक हेमंत गेरा ने निगम का पक्ष रखा है। गेरा ने कहा कि नए प्रावधानों के अंतर्गत उपभोक्ता वर्ष भर में जितने यूनिट बिजली का उपयोग करेगा उसके अनुरूप ही सिक्युरिटी राशि ली जाएगी। उपभोक्ता जब विद्युत कनेक्शन लेता है तो अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप लोड दर्शाता है। उसी हिसाब से निगम सिक्युरिटी राशि जमा करता है, लेकिन आधुनिकता के इस दौर में अब बिजली घर में सिर्फ रोशनी करने के काम नहीं आती। रोशनी के साथ-साथ सर्दी में गीजर, गर्मी में पंखे, कूलर, एसी आदि उपकरणों का उपभोग होता है। हर घर में फ्रिज, टीवी, माइक्रोवेब, मिक्सी आदि उपकरण भी रहते हैं। ऐसे में उपभोक्ता की बिजली की मांग लगातार बढ़ती जाती है। निगम ने जो प्रावधान किए हैं, उसके अनुसार उपभोक्ता के दो माह के बिल की राशि को सिक्युरिटी के रूप में जमा किया जाता है। इन दिनों उन्हीं उपभोक्ताओं से सिक्युरिटी राशि ली जा रही है, जिन्होंने नए कनेक्शन लेते समय कम जमा कराई थी। कुछ उपभोक्ताओं को लगता है कि प्रतिवर्ष सिक्युरिटी राशि वसूल की जा रही है। कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है। चूंकि बिजली की खपत के अनुरूप सिक्युरिटी राशि ली जा रही है। इसलिए जिस वर्ष बिजली का उपभोग ज्यादा हुआ, उस वर्ष सिक्युरिटी की राशि भी बढ़ जाएगी। गेरा ने स्पष्ट किया कि यदि किसी वर्ष बिजली का उपभोग कम हुआ है तो ऐसे उपभोक्ता को सिक्युरिटी राशि अंतर के अनुरूप वापस भी की जाएगी। 
9 प्रतिशत ब्याज:
गेरा ने कहा कि निगम के पास जमा सिक्युरिटी राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। ब्याज की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। उपभोक्ता को जो बिल प्राप्त होते है, उससे किसी एक बिल में माइनस का चिह्न लगाकर राशि लिखी गई है। इस राशि की कटौती बिल की राशि में से की जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी उभोक्ता सीधे उनके पास आकर भी 9 प्रतिशत ब्याज के बारे मेंअच्छी तरह समझ सकता है। बैंकों में उपभोक्ता को मुश्किल से 4-5 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जबकि निगम तो 9 प्रतिशत का भुगतान कर रहा है। गेरा ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली संरक्षण का काम भी करना चाहिए। जरूरी होने पर ही बिजली का उपभोग किया जाए। 
(एस.पी. मित्तल)  (05-02-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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