Thursday 25 February 2016

भारत को बर्बाद करने की धमकी देने वालों के खिलाफ कार्यवाही हो।



अजमेर के प्रबुद्ध नागरिकों ने जुलूस निकालकर राष्ट्रपति से की मांग।
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25 फरवरी को अजमेर के प्रबुद्ध नागरिकों ने यहां गांधी भवन से लेकर कलेक्ट्रेट तक एक बड़ा मौन जुलूस निकाला। इस जुलूस का नेतृत्व पूर्व कुलपति प्रो. पी.के.सारस्वत, इंजीनियर वी के शर्मा, पूर्व सीएमएचओ डॉराजेश खत्री, कर्नल ए के त्यागी, राजेश पुरोहित, कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ चित्रा अरोड़ा, समाज विज्ञानी रितु सारस्वत, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के उर्दू विभाग के डॉ. कायद अली, डॉ नारायणलाल गुप्ता, अनूप आत्रे आदि कर रहे थे। जुलूस में बड़ी संख्या में प्राध्यापक, लेखक, अधिवक्ता, चिकित्सक, सीए, व्यवसायी एवं जागरूक बुद्धिजीवी शामिल थे। जुलूस के कलेक्ट्रेट पर पहुंचने पर विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों ने अपनी राय प्रकट की। सभी का कहना था कि भारतीय संस्कृति में भारत को माता का दर्जा दिया गया है और कुछ लोग भारत माता के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगा रहे हैं। कोई भी देशभक्त अपनी मां के टुकड़े कैसे करवा सकता है। वक्ताओं ने इस बात पर अफसोस जताया कि जेएनयू जैसी मशहूर संस्था के अंदर इस तरह की धमकियां खुलेआम दी गई हैं। शर्मनाक बात तो यह है कि राजनीति से जुड़े अनेक लोग अपने स्वार्थो की वजह से उन तत्वों को बचा रहे हैं जिन्होंने भारत को तोडऩे की धमकी दी है। ऐसे में देश का विचारवान व्यक्ति मूकदर्शक नहीं रह सकता। आज देश के प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह उन लोगों के खिलाफ आवाज बुलन्द करे जो भारत को तोडऩे की धमकी दे रहे हैं। प्रबुद्ध नागरिकों की ओर से बाद में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम जिला कलेक्टर डॉ आरू षी मलिक को एक ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में  राष्ट्रपति से मांग की गई कि वे तीनों सेनाओं के कमांडर होने के नाते उन तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करवावे, जिन्होंने भारत को तोडऩे की धमकी दी है। कलेक्टर मलिक ने प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि ज्ञापन को राष्ट्रपति के पास भिजवा दिया जाएगा।
महिलाएं भी शामिल :
देशद्रोहियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करने के लिए 25 फरवरी को मौन जुलूस में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुई। समाज के विभिन्न वर्गो से जुड़ी महिलाओं ने जुलूस में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। आमतौर पर जुलूसों में महिलाओं की संख्या कम होती है। महिलाएं भी अपने हाथ में बैनर झण्डे लेकर चल रही थी।

 (एस.पी. मित्तल)  (25-02-2016)
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