Saturday 13 February 2016

वेलेंटाइन-डे मनाने के बजाए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को याद करें।

 
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मुझे पता है कि देश के करोड़ों युवा 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाएंगे। मुझे यह भी पता है कि वेलेंटाइन का मतलब न समझने के बाद भी युवा लड़के-लड़कियां एक-दूसरे को गिफ्ट देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यदि किसी चाहने वाले युवक ने अपनी प्रेमिका को मन मुताबिक गिफ्ट नहीं दिया तो ऐसी प्रेमिका नाराज भी हो जाएगी। 14 फरवरी को शिक्षण संस्थाओं के बाहर जो माहौल होगा, उसकी कल्पना सिर्फ की जा सकती है। आजाद भारत का युवा क्या शोक फरमाए, इस पर कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन अच्छा हो कि देश का युवा 14 फरवरी को शहीद-ए-आजम भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को भी याद करें। 14 फरवरी के दिन ही गुलाम भारत की लाहौर की अदालत ने हमारे इन तीनों क्रांतिकारियों को फंासी की सजा सुनाई थी। जो युवक वेलेंटाइन डे मनाकर हजारों रुपया होटल रेस्टोरेंट, बीयर बार आदि में लूटा रहे हैं,उन्हें क्या उन लोगों को याद नहीं करना चाहिए,जिनकी शहादत की वजह से आज हम आजद हैं। आज हम भले ही वेलेंटाइन डे मनाएं, लेकिन देश के हालात अच्छे नहीं है। कश्मीर से लेकर पश्चिम बंगाल तक लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। विगत दिनों दिल्ली के जेएनयू में जिस तरह भारत की बर्बादी के नारे लगे उससे तो आने वाले दिनों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। 
वेलेंटाइन डे पर जो युवा जश्न मनाएंगे, उनको मेरी सलाह है कि वे अपने प्यार का इजहार अपने माता पिता के प्रति भी जरूर करें। ऐसा नहीं हो कि अपने माता-पिता की भावनाओं के खिलाफ वेलेंटाइन डे मनाए। कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को परेशान नहीं देख सकते। लेकिन उन्हें तब दु:ख होता है जब बच्चे अपनी मर्जी से वेलेंटाइन डे मनाते हैं। मैं यहां वेलेंटाइन डे मनाने वाली लड़कियों से अपील करुंगा कि वे बहुत सतर्कता और सोच समझ के साथ वेलेंटाइन डे मनाएं। ऐसा न हो कि उनके अति उत्साह की वजह से स्वार्थी लोग गलत फायदा उठाए। कॉलेज की जो छात्राएं ब्वॉय फ्रेंड रखने में अपनी शान समझती हैं, उन्हें यहभी पता होगा कि कई बार ब्वॉय फ्रेंड की वजह से कितनी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। हालांकि अब बराबरी का जमाना है। इसलिए लड़के और लड़की में कोई भेद नहीं किया जा सकता है, यह होना भी नहीं चाहिए।  जिस तरह से सामाजिक बदलाव हुआ है, उसमें अधिकांश परिवारों में लड़कियों का भी उतना ही महत्त्व है, जतना लड़कों का। ऐसे में लड़कियों का भी यह दायित्व है कि वे अपने परिवार के सम्मान का भी ख्याल रखे। जहां तक टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले सीरियलों का सवाल है तो इन सीरियलों की वजह से ही भारतीय संस्कृति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिन महिलाओं को भारतीय संस्कृति का प्रतीक माना जाता है, वही महिलाएं टीवी सीरियलों में अद्र्धनग्न से भी ज्यादा अपने शरीर को प्रदर्शित कर रही हैं। दु:ख तो तब होता है कि सीरियल का एक कलाकार एक साथ दो-तीन चार खुबसूरत महिलाओं से संबंध बनाए रखने का अभिनय करता है। 


(एस.पी. मित्तल)  (13-02-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

1 comment:

  1. Enter your comment...सर गलत जानकारी दे रहे हे भगतसिंह राजगुरु सुखदेव को फासी 23मार्च 1931को दी गई थी ओर फासी की सजा 7,अक्टूबर 1930को सुनाई थी । अपना ज्ञान दुरस्त करे ओर मनमर्जी से शहीदो को फासी देना बन्द करे
    वेलेन्टाईन डे मनाने नही मनाने को लेकर शहीदों को घसीटना बंद करे ओर क्षमा माँगे

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