Monday 8 February 2016

भारत में असहिष्णुता मानने वाले देखें कि दाउद गिलानी उर्फ डेविड हेडली को भी मिल गया वकील।



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जो लोग भारत में असहिष्णुता होने का दावा करते हैं उन्हें अब यह भी देखना चाहिए कि मुम्बई हमले का मास्टर माईन्ड पाकिस्तानी नागरिक दाउद गिलानी उर्फ डेविड हेडली को भी बचान के लिए महेश जेठमलानी जैसा वकील मिल गया है। 8 फरवरी को डेविड हेडली की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुम्बई की अदालत में गवाही हुई। डेविड इस समय अमरीका की जेल में बन्द है। हेडली ने खुद स्वीकार किया कि पाकिस्तान में भारत विरोधी मुहिम चलाने वाले हाफिज सईद और जकी उर्ररहमान के ईशारे पर ही मुम्बई में 26/11 का आतंकी हमला हुआ। मुम्बई की अदालत में जब डेविड की गवाही हो रही थी तब उनके वकील महेश जेठमलानी भी उपस्थित थे। पूरा देश जानता है कि हेडली मुम्बई के करीब 300 लोगों की हत्या का आरोपी है। जब हमारे देश में हेडली जैसे पाकिस्तानी नागरिक को बचाने वाले पेरोकार हैं तो फिर कुछ लोगों के साथ असहिष्णुता कैसे हो सकती है? यदि किसी ने महेश जेठमलानी से इस मुद्दे पर सवाल पूछा तो उनका यही कहना होगा कि भारत लोकतांत्रिक देश होने के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष भी है। ऐसे में हेडली जैसे हत्यारे की पैरवी करने में कोई बुराई नहीं है। यह माना कि हेडली को भी हमारे देश के कानून के मुताबिक बचाव करने का अधिकारी है लेकिन अब यह भी साफ होना चाहिए तो फिर असहिष्णुता कैसे हो रही है। जब हम हेडली का बचाव कर सकते हैं तो क्या असहिष्णुता कहने वालों का बचाव नहीं कर सकते हैं? असल में देश के वर्तमान हालातों ने दलगत राजनीति करने वाले नेता अपने स्वार्थों की वजह से असहिष्णुता का मुद्दा उठा रहे हैं। यह भारत की ही सहनशीलता है कि हमारे ही देश के नागरिकों के हत्यारों को भी बचाव करने का पूरा अवसर मिल रहा है। जब महेश जेठमलानी जैसे वकील पैरवी करेंगे तो देखना होगा कि दाउद गिलानी उर्फ डेविड हेडली को सजा भी मिल पाती है या नहीं।
पाक का अब भी इंकार:
हेडली के द्वारा मुम्बई हमले की बात स्वीकारने के बाद भी पाकिस्तान यह नहीं मानेगा कि हाफिज सईद और जकी उर्ररहमान का हाथ है। पाकिस्तान ने कहना शुरू कर दिया है कि हेडली अमरीका के दबाव में बयान दे रहा है।
(एस.पी. मित्तल)  (08-02-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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