Thursday 18 February 2016

तो फिर राहुल गांधी जेएनयू के कैम्पस में क्यों गए थे।



राष्ट्रपति से मिलने के बाद कहा देशद्रोहियों को मिले सजा।
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18 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राहुल ने मीडिया से कहा कि जेएनयू (JNU) के मामले में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। राहुल ने बताया कि राष्ट्रपति को जो ज्ञापन दिया गया, उसमें भी ऐसी ही मांग है। सवाल उठता है जब राहुल गांधी देशद्रोहियों को सजा दिलवाना चाहते हैं तो फिर 13 फरवरी को आरोपियों के प्रति समर्थन जताने के लिए जेएनयू (JNU) के कैम्पस में क्यों गए थे? क्या 13 फरवरी को जो राजनीतिक गलती की थी, उसे सुधारने के लिए 18 फरवरी को राष्ट्रपति से मुलाकात की गई? 
यह तो दिल्ली पुलिस के आयुक्त बस्सी ने भी कहा है कि किसी भी निर्दोष को देशद्रोह का आरोपी नहीं बनाया जाएगा। पुलिस उन्हीं विद्यार्थियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी, जिन्होंने भारत विरोधी नारे लगाएं हैं। असल में राहुल गांधी के सलाहकार राजनीति को देर से समझते हैं। वामदलों को छोड़कर देश का कोई भी  राजनीतिक दल भारत विरोधी नारे लगाने वालों के साथ अभी तक भी नहीं आया है। सलाहकार को इस बात को समझने में छह दिन लग गए। जो सलाहकार राहुल गांधी को 13 फरवरी को जेएनयू (JNU) के कैम्पस में ले गए, उन्हीें सलहाकारों ने 18 फरवरी को राहुल गांधी को राष्ट्रपति के सामने ले जाकर खड़ा कर दिया। अच्छा होता कि राहुल गांधी पहले दिन ही देशद्रोहियों को सजा दिलवाने वाली बात कहते। 18 फरवरी को राहुल गांधी ने जहां दोषियों को सजा दिलवाने की बात कही, वहीं केन्द्र की भाजपा सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी हमला बोला। राहुल ने कहा कि भाजपा और संघ उन्हें देशभक्ति का पाठ न पढ़ाए, देशभक्ति को मेरे खून में है। इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी की दादी श्रीमती इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी ने देश के खातिर अपनी जान दी। अब राहुल गांधी को ही यह जवाब देना है कि जो लोग उनकी दादी और उनके पिता के देश को तोडऩा चाहते हैं, उनके साथ क्या सलूक किया जावे? एक ओर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की देश के लिए शहादत है तो दूसरी ओर राहुल गांधी जेएनयू (JNU) में जाकर देशद्रोहियों का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाए। राहुल गांधी ही बताएं यदि आज उनकी दादी और पिता जिंदा होते तो क्या भारत को तोडऩे वाले को संरक्षण देते? पूरा देश जानता है कि आतंकवादियों के खिलाफ श्रीमती इंदिरा गांधी ने ही सबसे बड़ी कार्यवाही की थी। राहुल गांधी ने सही कहा कि देशप्रेम उनके खून में है। अब राहुली गांधी को देशद्रोहियों के खिलाफ कार्यवाही करवाकर अपने देश प्रेम का परिचय भी देना चाहिए। 

(एस.पी. मित्तल)  (18-02-2016)
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