Sunday 21 February 2016

पुलिस यदि रिश्वत न ले तो खत्म हो सकती है हर बुराई।



ख्वाजा साहब की दरगाह के बाजारों में दिखी पुलिस की ईमानदारी।
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अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की संसार प्रसिद्ध दरगाह से जुड़े प्रमुख बाजारों के दुकानदारों के बुलावे पर 21 फरवरी को मंैने दरगाह, धानमंडी, नला बाजार आदि का जायजा लिया। दरगाह बाजार, धानमंडी दुकानदार एसोसिएशन के अध्यक्ष जोधा टेकचंदानी, महामंत्री महेन्द्र जैन मित्तल, न्यू नला बाजार व्यापारिक एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चौरसिया, मंत्री प्रकाश पंवार, कोषाध्यक्ष ताराचंद छपेड़ा, नारायण दास आदि ने बताया कि अब हमारे बाजारों में ठेले वाले, रिक्शा, थड़ी वाले आदि नहीं आते हैं तथा दुकानों के बाहर अस्थाई अतिक्रमण भी नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं दरगाह के बाहार जो भिखारी बैठ कर यातायात को बाधित करते थे, वे भिखारी भी अब नहीं आते हैं। यह सब पुलिस की ईमानदारी और मेहनत की वजह से हुआ है। दुकानदारों ने इस ईमानदारी का पूरा श्रेय दरगाह के डीएसपी दिलीप कुमार सैनी को दिया है। सैनी ने जब ईमानदारी दिखाई तो पुलिस महकमे की अंतिम कड़ी सिपाही के भी समझ में आ गया है कि अब न तो धानमंडी और नला बाजार की ओर से रिश्वत लेकर ठेले वाले को छूट दी जा सकती है। पुलिस की ही मेहरबानी से दुकानदार भी दुकान के बाहर 2 से 3 फुट की जगह पर अतिक्रमण कर पांच सौ से एक हजार रुपए प्रतिदिन के भाव से किराये पर देते थे। अब जब पुलिस ठेले, खोमचे, ऑटो, भिखारी वर्ग के साथ ही ईमानदारी दिखा रही है, तो फिर दुकानदारों को सरकारी भूमि किराये पर देने की छुट कैसे देती। यानि पुलिस ने रिश्वत छोड़ी तो दुकानदार भी ईमानदार हो गया। आज इसी का नतीजा है कि दरगाह से जुड़े प्रमुख बाजारों में जायरीन के लिए यातायात बहुत आसान हो गया है। पहले जहां जायरीन को बाजार में पैदल चलने में धक्के खाने पड़ते थे, वहां अब छोटे बच्चों के साथ भी सुगमता के साथ चला जा सकता है। 
अकेले दम पर 
आम तौर पर बाजारों से अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम पुलिस की मदद लेता है, लेकिन दरगाह के बाजारों में नगर निगम की मदद के बिना ही पुलिस ने अकेले अपने दम पर बाजारों की सूरत बदल दी। यानि पुलिस ईमानदार हो तो हर बुराई को समाप्त किया जा सकता है। 
अभी भी है लालची दुकानदार
पुलिस की ईमानदारी के बावजूद भी कुछ दुकानदारों का लालच खत्म नहीं हुआ है। अभी भी कुछ दुकानदार अस्थाई अतिक्रमण करने का मोह नहीं छोड़ रहे हैं। पुलिस ने साफ कहा है कि दुकान के आगे जो एक डेढ़ फीट की नाली बनी हुई है, उसी पर सामान रखा जा सकता है। इसके आगे यदि सामान नजर आया तो पुलिस एक्ट में चालान किया जाएगा। जिन दुकानदार, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट के मालिकों ने बीच बाजार में बैनर लगा रखे हैं उन्हें भी हटवाया जा रहा है। 
वीआईपी वाहन
दुकानदारों का कहना है कि जब पुलिस ने इतनी सुंदर व्यवस्था कर दी है तो दरगाह में वीआईपी वाहन का प्रवेश भी बंद होना चाहिए। वीआईपी व्यक्ति के वाहन देहली गेट पर ही रोकें जाए। चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो उसे देहली गेट से दरगाह तक पैदल ही लाया जाए। 21 फरवरी को भी पुलिस के एक आला अधिकारी के लिए वाहन जब दरगाह के बाहर तक आया तो जायरीन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

(एस.पी. मित्तल)  (21-02-2016)
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